आज से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है. इस बार शारदीय नवरात्रि 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक रहेगी. आज प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ ही नवरात्रि का महापर्व शुरू हो जाएगा. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन देवी की चौकी के पास विधिवत पूजा के साथ कलश स्थापित किया जाता है और मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है. यह घटस्थापना किसी शुभ मुहूर्त में की जाती है नवरात्रि वर्ष में चार बार पड़ती है. माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है. मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है. दुनिया में सारी शक्ति, नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही है. इसलिए इसमें देवी की उपासना ही की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है. हर स्वरूप से विशेष तरह का वरदान मिलता है. साथ ही ग्रहों की बाधा समाप्त हो जाती है नवरात्रि में जीवन के समस्त भागों और समस्याओं पर नियंत्रण किया जा सकता है. नवरात्रि के दौरान हल्का और सात्विक भोजन करना चाहिए. नियमित खान पान में जौ और जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए. इन दिनों तेल, मसाला और अनाज कम से कम खाना चाहिए. हर बार देवी का आगमन किसी विशेष वाहन पर होता है. इससे आने वाले समय के बारे में अनुमान लगाया जाता है. इस बार देवी का आगमन पालकी पर हो रहा है. शास्त्रों में देवी की पालकी की सवारी को अच्छा संकेत नहीं माना गया है. कहते हैं कि यह आर्थिक मंदी, महामारी, युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं का प्रतीक है. लोगों के जीवन में व्यर्थ के विवाद और दुर्घटनाएं होंगी. इसके लिए दो अबूझ मुहूर्त भी रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 06:30 बजे से सुबह 07:31 बजे तक रहेगा. जबकि दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12.03 बजे से दोपहर 12.51 बजे तक रहेगा.