शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुश्किल बढ़ी, लुकआउट नोटिस जारी.. 60 करोड़ का फ्रॉड!

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की मुसीबतें एक बार फिर से बढ़ गई है. शिल्पा और उनके पति राज कुंद्रा को लुकआउट नोटिस जारी किया गया है मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. शिल्पा और उनके पति राज कुंद्रा पर एक व्यापारी से लगभग 60 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है. अब जांच एजेंसी ने इस मामले में दोनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. शिकायतकर्ता व्यापारी दीपक कोठारी का आरोप है कि साल 2015 से 2023 के बीच शिल्पा और राज ने बिज़नेस बढ़ाने के नाम पर उनसे 60 करोड़ रुपए लिए. यह रकम Best Deal TV Pvt. Ltd. नाम की कंपनी के जरिए ली गई थी. शुरुआत में इसे लोन बताकर पैसे मांगे गए थे, लेकिन बाद में टैक्स बचाने का हवाला देकर इसे इन्वेस्टमेंट के रूप में दिखाया गया. कोठारी का कहना है कि उन्हें मीटिंग में आश्वासन दिया गया था कि तय समय में 12% सालाना ब्याज के साथ पैसे लौटा दिए जाएंगे.

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अप्रैल 2016 में लिखित तौर पर पर्सनल गारंटी भी दी थी. लेकिन कुछ ही महीनों में शिल्पा ने कंपनी से डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और बाद में पता चला कि कंपनी पर 1.28 करोड़ का इंन्सॉल्वेंसी केस चल रहा है. व्यापारी का दावा है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. इस मामले में आरोप है कि कंपनी के नाम पर लिए गए पैसे निजी खर्चों में उड़ाए गए.

EOW सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अब शिल्पा और राज के ट्रेवल लॉग खंगाल रही है और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया जाएगा, जो कि जारी भी कर दिया गया है. इसके साथ ही उस ऑडिटर को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है जिसने कंपनी का ऑडिट किया था. इस मामले में IPC की धारा 403, 406 और 34 के तहत FIR दर्ज की गई है.

व्यापारी के वकील जैन श्रॉफ का कहना है कि उनके मुवक्किल ने पूरे सबूतों के साथ निवेश किया था. कंपनी ने दिवालिया घोषित होकर उन्हें गुमराह किया और पैसों को निजी उपयोग में लगाया. शिल्पा शेट्टी के वकील प्रशांत पाटिल ने आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता खुद कंपनी में पार्टनर थे, उनके बेटे को डायरेक्टर बनाया गया था और यह एक इक्विटी एग्रीमेंट था. यानी मुनाफा-नुकसान दोनों ही साझेदारों में बंटते. पर्सनल गारंटी को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई दस्तावेज है तो कोर्ट में पेश होगा और वहीं इसका फैसला होगा.

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