महाराष्ट्र विधानसभा में एक-दूसरे से भिड़े शिंदे और उद्धव गुट के विधायक…विडियो वायरल

राष्ट्रीय

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता जाने के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री तो बन गए. लेकिन शिवसेना (उद्धव गुट) और सरकार में शामिल विधायकों के बीच रस्साकशी अब भी जारी है. आज महाराष्ट्र की विधानसभा में एक अजीब नजारा देखने को मिला.

मानसून सत्र के दौरान बुधवार को शिवसेना के शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के विधायक एक दूसरे से भिड़ गए. दरअसल, महाराष्ट्र विधानभवन की सीढ़ियों पर शिंदे गुट के विधायक और बीजेपी विधायकों ने पिछली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इन विधायकों ने कोविड में हुए भ्रष्टाचार और उसपर तत्कालीन मुख्यमंत्री की उदासीनता के विरोध में नारे गाए.

उसी समय विपक्ष भी सीढ़ियों पर आकर जमकर नारेबाजी करने लगा. विपक्ष के विधायक हाथ में गाजर लेकर सत्ताधारियों को चिढ़ाने लगे. पहली बार विधानभवन की सीढ़ियों पर सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने भिड़ गए. इसके बाद उद्धव गुट के विधायक विधानसभा प्रांगण में शिंदे गुट के खिलाफ ’50 खोखे, एकदम ओके’ जैसी नारेबाजी करने लगे और दोनों गुट आपस में भिड़ गए.

बता दें कि इस नारेबाजी को लेकर दोनों गुट के विधायकों के बीच पहले भी गर्मा-गर्मा हालात बन चुके हैं. तब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष को सदन में मर्यादा ना लांघने की चेतावनी दी थी.

इसी के साथ ही आज बीजेपी विधायक नितेश राणे ने सदन में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग की है. उन्होंने सदन में अहमदनगर में धर्म परिवर्तन के नाम पर नाबालिग लड़की के ऊपर हुए अत्याचार का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं राज्य में बढ़ रही हैं.

राणे ने कहा कि हिन्दू लड़कियों को फंसाने के लिए लड़कों को बाकायदा रेट कार्ड दिया गया है, जिसके तहत इन लड़कों को पैसे मिलते हैं. राणे का कहना है कि हिन्दू लड़कियों को राज्य में टारगेट किया जा रहा है. इसीलिए अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया जाना चाहिए.

जारी है शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई

बता दें कि महाराष्ट्र में इन दिनों शिवसेना पर कब्जे को लेकर लड़ाई जारी है. एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की सरकार गिराकर बीजेपी के समर्थन से अपनी सरकार तो बना ली है. लेकिन वहीं अब शिवसेना को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे आमने-सामने हैं. शिवसेना पर आधिपत्य को लेकर दोनों गुटों की जंग सुप्रीम कोर्ट पहले ही पहुंच चुकी थी. इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट ने 5 जजों की संविधान पीठ को ट्रांसफर कर दिया है.