महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की 8 महीने पुरानी प्रतिमा गिरने के पीछे तेज हवाओं को जिम्मेदार ठहराया है। शिंदे ने सोमवार (26 अगस्त) देर शाम कहा कि 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी, जिससे प्रतिमा गिर गई। CM ने कहा- नेवी ने शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा की डिजाइनिंग और कंस्ट्रक्शन कराई थी। हम इसे दुबारा मजबूत तरीके से बनाएंगे। PWD और नेवी के अधिकारी मंगलवार (27 अगस्त) को सिंधुदुर्ग जाकर घटना की जांच करेंगे। तटीय सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में बनी शिवाजी महाराज की प्रतिमा सोमवार (26 अगस्त) दोपहर 1 बजे गिर गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर, 2023 को नेवी डे पर इसका उद्घाटन किया था। पुलिस ने मामले में कॉन्ट्रेक्टर और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट के खिलाफ FIR दर्ज की है। महाराष्ट्र सरकार में PWD मंत्री और भाजपा नेता रवींद्र चव्हाण ने बताया कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नेवी को 2.36 करोड़ रुपए दिए थे। प्रतिमा बनाने वाले आर्टिस्ट के चयन, उसके डिजाइन की पूरी प्रक्रिया नेवी ने की थी। चव्हाण ने बताया कि 8 सितंबर, 2023 को प्रतिमा बनाने का ऑर्डर दिया गया था। प्रतिमा में इस्तेमाल किए गए स्टील में जंग लगना शुरू हो गया था। PWD ने पहले ही नेवी के अधिकारियों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी थी और उनसे ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
इंडियन नेवी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना के जांच के आदेश दिए हैं। नेवी ने सोमवार (26 अगस्त) देर रात एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया, ‘हमने प्रतिमा गिरने के कारण की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत और फिर से उसकी स्थापना के लिए एक टीम नियुक्त की है।’
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा तेज हवाओं के कारण गिर गई। – एकनाथ शिंदे #MaharashtraNews #ShivajiMaharaj pic.twitter.com/09Q1h23suL
— Molitics (@moliticsindia) August 27, 2024