गुजरात स्थित सुची सेमीकॉन ने केंद्र के प्रोत्साहन के बिना सेमीकंडक्टर का उत्पादन शुरू कर दिया है। कंपनी की योजना तीन साल में 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की है। सुची समूह के चेयरमैन और सुची सेमीकॉन के संस्थापक अशोक मेहता ने यह जानकारी दी है। मेहता ने कहा कि हालांकि कंपनी ने एसपीईसीएस (इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों और सेमीकंडक्टर के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना) और भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत केंद्र के प्रोत्साहन के लिए आवेदन किया है, लेकिन वह प्रोत्साहन के लिए उत्पादन को रोकना नहीं चाहती है। मेहता ने कहा, हमारे पास एक पूरी तरह तैयार कारोबारी योजना है। हमारी कारोबारी योजना मुख्य रूप से प्रोत्साहन के लिए नहीं है। हमने कारोबार करने के लिए एक संयंत्र स्थापित किया है। केंद्र की मंजूरी तब मिलेगी जब हम उनकी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। हमने तीन साल में 10 करोड़ डॉलर (लगभग 840 करोड़ रुपये) के निवेश की योजना बनाई है। मेहता ने कहा, कोविड के समय जब सेमीकंडक्टर की कमी थी, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकट को अवसर में बदलने को कहा था। हमने उस समय सेमीकंडक्टर कारोबार में उतरने का मन बनाया था। हमने उद्योग विशेषज्ञों के साथ काफी शोध के बाद कारखाना शुरू करने का फैसला किया।
मेहता ने कहा, हमारे पास पहले से ही ऐसे ग्राहक हैं जिन्होंने अपनी आवश्यकताएं रखी हैं। हमारा अधिकांश उत्पादन विदेशी ग्राहकों के लिए होगा। हमने कुछ समय पहले परीक्षण उत्पादन शुरू किया है और हमारे कलपुर्जों का ग्राहकों द्वारा परीक्षण किया जा रहा है।
