जशपुर में मिली सकरमाउथ कैटफिश, दोड़की नदी में ग्रामीणों के जाल में फंसी…

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के जशपुर जिले की दोरकी नदी में सकरमाउथ कैटफिश मिली है। ग्रामीणों ने जब मछली पकड़ने के लिए जाल डाला, तो जाल में एक अजीबोगरीब मछली फंस गई। सकरमाउथ कैटफिश दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली मांसाहारी मछली है। वहीं यह अमेरिकन मछली बगीचा में चर्चा का विषय बनी हुई है। नगरवासी अमेरिकन मछली सकरमाउथ कैट फिश को देखने पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में इन मछलियों का मिलना नदी के इको सिस्टम के लिए भी चिंताजनक है। यह मछली आसपास के जीव-जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है। इस मछली की चार आंखें होती हैं। इनका असली घर भारत की नदियां नहीं हैं। नदी में इस मछली के पहुंचने का मतलब होता है कि यह दूसरे जीव-जंतुओं के लिए खतरा पैदा कर देगी। यह कई रंगों में पाई जाती है। इस मछली का वैज्ञानिक नाम है हाइपोस्टोमस प्लेकोस्टोमस और Siluriformes के अंतर्गत आता है। इसे मछली चूसने वाली शैवाल, कांच साफ करने, पत्थर चूसने, कांच चूसने या कांच चूसने के नाम से भी जाना जाता है। यह खतरनाक होती है। इस मछली का तालाब या नदी में मिलना अच्छा नहीं है क्योंकि यह जलीय संतुलन बिगाड़ देती है। जानकारी के अनुसार यह एक मांसाहार प्रवृत्ति की मछली है जो अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाती है। इंटरनेशनल मार्केट में इस मछली की कीमत बहुत ज्यादा होती है। हालांकि लोग इसे खाना पसंद नहीं करते हैं। इसका शरीर हल्के भूरे रंग का होता है जिसमें कुछ गोल, काले धब्बे होते हैं। सिर पर भी काले धब्बे हैं। प्रजातियों के आधार पर, कुछ नमूने ऐसे होते हैं जिनका पूरे शरीर पर गहरा रंग होता है।