उत्तरप्रदेश : कोतवाली देहात में एसटीएफ की डकैतों से हुई मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच होगी। इसके लिए जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने आदेश दिए हैं। जांच लंभुआ एसडीएम विदुषी सिंह करेंगी। एसटीएफ ने कोतवाली नगर के ठठेरी बाजार में सर्राफ भरत जी सोनी के यहां 28 अगस्त को हुई डकैती में वांछित एक लाख के इनामी जौनपुर के मंगेश यादव उर्फ कुंभे को गुरुवार की तड़के मिश्रपुर पुरैना के पास मुठभेड़ में मार गिराया था। वहीं, इससे पहले तीन आरोपित मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए जा चुके हैं। डकैती में अज्ञात के अतिरिक्त 14 आरोपित वांछित थे। गिरोह का सरगना विपिन सिंह जमानत उठवाकर रायबरेली न्यायालय में सरेंडर कर चुका है। अब नौ बदमाशों की धर-पकड़ के लिए पुलिस की सात टीमें गठित की गई हैं। पुलिस के मुताबिक, दुकान में घुसकर जिन पांच लोगों ने लूटपाट की थी, उनमें मंगेश, अंकित यादव, अरबाज, फुरकान व अनुज प्रताप थे। इसकी जानकारी मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार अमेठी के सहरी गांव निवासी सचिन सिंह व गोविंद सिंह और पीपरपुर के हारीपुर के रहने वाले त्रिभुवन ने दी थी। अब तक की कार्रवाई में सिर्फ चांदी के आभूषण बरामद हुए हैं। सोने के गहनों की बरामदगी पुलिस के लिए चुनौती है।
सराफा व्यवसायी के अनुसार डकैत कुल एक करोड़ 35 लाख रुपये कीमत के सोने-चांदी के आभूषण व तीन लाख रुपये लूट ले गए थे। हालांकि, इससे अधिक माल जाने की बात कही जा रही है। मामले के विवेचक कोतवाल अरुण कुमार द्विवेदी ने शुक्रवार को उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह के साथ रायबरेली जिला जेल पहुंचकर मुख्य साजिशकर्ता व सरगना विपिन सिंह से पूछताछ की। कोतवाल ने बताया की उससे अहम सुराग मिले हैं। इससे माल बरामदगी तथा अन्य आरोपितों तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया की विपिन के बयान गिरफ्तार आरोपितों के बयान से काफी हद तक मेल खा रहे हैं। घटना के बाद अमेठी के भवानीनगर का विपिन सिंह पुत्र सोमेन्द्र सिंह गैंगस्टर एक्ट के पुराने मामले में 29 अगस्त को रायबरेली न्यायालय में सरेंडर कर जेल चला गया था।