मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में बुधवार के दिन दुःखद सामने आई थी। मदर ऑफ पीटीआर बाघिन टी-1 की मौत हो गई। इस खबर से पार्क प्रबंधन व वन्यजीव प्रेमियों को दु:ख पहुंचा था। इसके दूसरे दिन यानी गुरुवार को पार्क से सुखद खबर आई है। नानी के जाने के बाद अब पीटीआर में चार नन्हे शावक दिखे हैं। इन शावकों को बाघिन टी-1 की बेटी बाघिन पी 151 ने दिया है।
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में गुरुवार 2 फरवरी को बाघिन पी-151 की चार नन्हे शावकों के साथ कैमरा ट्रैप में फोटो ली गई है। कुछ वीडियो भी पर्यटकों के द्वारा बाघिन के शावकों के साथ जंगल मे विचरण करते हुए बनाए गए हैं। बाघिन पी 151 के चार शावक पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। अपनी मां के साथ जंगल मे घूम रहे हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व में एक साल में लगभग नए मेहमानों का आगमन हुआ है। यहां अलग अलग बाघिनों ने 25 शावकों को जन्म दिया है। एक साल में बाघिन पी 141 के 3 शावक, बाघिन पी 223 (32) के 2 शावक, बाघिन 643 के 2 शावक, इसी कुछ अन्य बाघिनों ने शावकों को जन्म दिया है। अब बाघिन पी 151 ने एक साथ चार शावको को जन्म दिया है।
मदर ऑफ टाइगर रिजर्व से गुलजार पीटीआर
पन्ना टाइगर रिजर्व वर्ष 2008-09 बाघ विहीन हो गया था। इसके बाद यहां बाघ पुनर्स्थापना का सपना सजाया गया। बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-1 एवं पेंच टाइगर रिजर्व से बाघ टी-3 को पन्ना टाइगर रिजर्व लाया गया। इसके बाद यहां बाघों का संसार बसना शुरू हुआ। अकेले बाघिन टी-1 ने अपने 5 लिटर में 13 बच्चों को जन्म दिया। इसलिए इस बाघिन को मदर ऑफ पीटीआर भी कहा जाता है। क्योंकि आज पीटीआर में 75से अधिक छोटे बड़े बाघ विचरण कर रहे हैं। जो कहीं न कहीं बाघिन टी-3 संतान ही हैं। इसलिए इस बाघिन को पीटीआर के बाघों की दादी भी कहा जाता रहा है। बाघिन टी-1 की उम्र करीब 17 साल की हो चुकी थी।