मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कानून व्यवस्था अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं। यह केंद्र और राज्य का जिम्मा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मणिपुर की स्टेटस रिपोर्ट पेश की। अदालत ने यह रिपोर्ट कुकी समुदाय को दी है और उनसे कल तक सकारात्मक सुझाव देने को कहा। इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई होगी। राज्य में इंटरनेट बैन जारी रहेगा या नहीं, इस मामले में भी कल सुनवाई होगी। राज्य में हिंसा भड़कने के बाद 3 मई को इंटरनेट बैन किया गया था। मणिपुर हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि इंटरनेट बैन आंशिक तौर पर हटा दिया जाए। इसके जवाब में राज्य सरकार ने याचिका दाखिल की थी।
SC ने कहा- हिंसा भड़काने के लिए हमारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
सुप्रीम कोर्ट में कुकी समुदाय के वकील ने दूसरे समुदाय पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “इस अदालत का इस्तेमाल तनाव भड़काने के लिए नहीं किया जा सकता। हम कानून और व्यवस्था अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं। सुरक्षा निश्चित करना केंद्र और राज्य की जिम्मेदारी है। हां, हम अधिकारियों को हालात बेहतर बनाने के निर्देश दे सकते हैं। इस मसले पर मणिपुर के विभिन्न समुदायों के लोग हमें सकारात्मक सुझाव दें।”