मैं हेमंत बिस्वा शर्मा नहीं हूं.., BJP के नेता चाहते थे मैं भी शरणागत हो जाऊं, भूपेश बघेल के बयान पर सियासत तेज

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. बिलासपुर में ईडी सीबीआई कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि जनता जान चुकी है. विपक्षी नेताओं को टारगेट कर बदनाम किया जा रहा. मुझसे यह उम्मीद की जा रही है कि मैं भाजपा में शामिल हो जाऊं, लेकिन मैं डरकर या दबाव में झुकने वाला नहीं हूं. बघेल ने तीखे अंदाज में कहा, ‘मैं हेमंत बिस्वा शर्मा नहीं हूं, जो डरने पर शरणागत हो जाएं.’ अब भूपेश बघेल के इस बयान पर जमकर सियासत हो रही है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया चल रही है. कानून तो सबके लिए बराबर है. भूपेश बघेल का मामला कोर्ट में है कोर्ट ही फैसला करेगा.
बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्ताव ने कहा कि वो हेमंत बिस्वा शर्मा हैं, वो कोर्ट में जमानत के लिए नहीं घूमते. लेकिन भूपेश बघेल जमानत के लिए कोर्ट में घूम रहे है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्ताव ने कहा कि भूपेश बघेल जह प्रदेश अध्यक्ष थे तब कहते थे कि मैं कोर्ट से कभी जमानत नहीं लूंगा. लेकिन अब ऐसी क्या परिस्थिति का आ गई कि अग्रिम जमानत लेनी पड़ रही है. हेमंत बिस्वा शर्मा को अपनी गलती का एहसास हुआ कि कांग्रेस में रहे कर कभी देश सेवा नहीं की जा सकती. भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भूपेश बघेल का ये बयान स्पष्ट कर रहा है कि कोई एक व्यक्ति संज्ञान ले और उनके भाजपा में प्रवेश का रास्ता साफ हो जाए ताकि उनका राजनीतिक भविष्य मजबूत हो. कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेताओं का राजनीतिक कैरियर समाप्ति की ओर हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने राजनीतिक रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि विपक्षी दलों पर हो रही कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है और यह सीधे-सीधे राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता के बल पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. बघेल का कहना था कि जनता यह सब देख रही है और समय आने पर जवाब देगी.
भूपेश बघेल ने यह बयान उस समय दिया जब वे कोटा में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम में उन्होंने आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई, लेकिन मीडिया से चर्चा के दौरान उनका पूरा फोकस केंद्र सरकार और भाजपा पर रहा. उन्होंने कहा कि वे किसी भी दबाव में भाजपा का दामन थामने वाले नहीं हैं और आखिरी सांस तक अपने विचारों और पार्टी के साथ खड़े रहेंगे.