भारत पर कर रहे थे शक, लेकिन रिपोर्ट आई तो पता चला चीन ने कनाडा में किया था ये काम….

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जिस काम के लिए भारत पर शक कर रहे थे, उसको लेकर गठित कनाडा आयोग की जांच रिपोर्ट जब सामने आई तो उनके होश उड़ गए। जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर शक करके एक जांच आयोग का गठन किया था, मगर अब जांच रिपोर्ट आई तो उसमें यह पता चला कि जिस काम को लेकर ट्रूडो भारत पर आशंका जता रहे थे, उसे चीन ने किया था। इस सनसनीखेज रिपोर्ट ने जस्टिन ट्रूडो के दिमाग की बत्ती जला दी है। इस रिपोर्ट के सामने आने से ट्रूडो के आरोपों को भी बड़ा झटका लगा है। यह मामला कनाडा में हुए 2021 के चुनावों से जुड़ा है, जिसमें भारत पर हस्तक्षेप करने का बेबुनियाद आरोप लगाकर आशंका की जा रही थी। मगर अब सच्चाई कुछ और ही निकली है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि जस्टिन ट्रूडो द्वारा जीते गए 2021 के चुनावों में भारत ने नहीं, बल्कि चीन ने हस्तक्षेप किया था। यह रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वह कनाडा की एजेंसियों ने ही तैयार की है। ऐसे में जस्टिन ट्रूडो को अब अपने आरोपों पर कुछ तो शर्म जरूर आ रही होगी, जो भारत पर बेबुनियाद तौर पर आशंका जाहिर कर रहे थे।

विपक्षी विधायकों के दबाव के बाद जस्टिन ट्रूडो ने विदेशी हस्तक्षेप पर एक जांच आयोग का गठन किया था। इसमें चीन की संभावित भूमिका पर रिपोर्ट आने से ट्रूडो नाखुश हैं। पहले आरोप लगाया गया था कि भारत ने 2021 के इस चुनाव में हस्तक्षेप का प्रयास किया था, जिसे जस्टिन ट्रूडो ने 2021 में जीता था। मगर चुनावों की निगरानी करने वाले कनाडाई अधिकारियों के एक पैनल ने ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया। हालांकि इसमें यह बात सामने आई कि 2019 और 2021 में हुए चुनावों में भारत ने नहीं, बल्कि चीन ने हस्तक्षेप किया था।

2021 के अभियान के दौरान कंजर्वेटिवों का नेतृत्व करने वाले एरिन ओ’टूल ने आरोप लगाया कि चीनी हस्तक्षेप से उनकी पार्टी को नौ सीटों तक का नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने कहा कि इससे चुनाव का रुख नहीं बदला है। सीएसआईएस मूल्यांकन में कहा गया है, “राज्य अभिनेता कनाडा में सफलतापूर्वक विदेशी हस्तक्षेप करने में सक्षम हैं, क्योंकि इसके कुछ कानूनी या राजनीतिक परिणाम हैं आरोपों की जांच पूरी होने पर अब खबर आई है कि जांच में शामिल अधिकारियों को भारत का कोई एंगल नहीं मिला, लेकिन, जांच के नतीजों में पाया गया कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) ने चुनावों को प्रभावित किया था। उम्मीद थी कि प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो एक सरकारी वकील के सामने पेश होंगे। एक चुनाव अधिकारी ने जांच पैनल को बताया, “मुझे नहीं लगता कि अभियान में उन उपकरणों का उपयोग करने वाली भारत सरकार के खिलाफ कोई सबूत है।” वहीं भारत भी कनाडा के चुनावों में अपने किसी भी हस्तक्षेप के आरोप को खारिज कर चुका है।