बिलासपुर में कोचिंग-इंस्टीट्यूट के खिलाफ सड़क पर उतरे टीचर-स्टूडेंट्स, थाने का घेराव कर किया हंगामा..जाने मामला

छत्तीसगढ़ : बिलासपुर में एफएम ग्रुप के कॉम्पिटिशन कम्युनिटी इंस्टीट्यूट में क्लासेस नहीं होने से भड़के प्रतियोगियों ने सिटी कोतवाली थाने का घेराव कर दिया। उनके साथ कोचिंग सेंटर के टीचर भी थे। छात्रों का आरोप है कि उन्हें बेहतर कोचिंग का डेमो दिखाकर हजारों रुपए फीस वसूल लिया गया है। लेकिन, टीचर्स को सैलरी नहीं देने के कारण 15 दिनों से क्लासेस बंद हैं। इससे छात्रों का भविष्य अधर में है। छात्रों के हंगामे को देखते हुए टीआई देवेश राठौर ने मौके पर शिक्षकों के साथ डायरेक्टर को थाने बुलवाया। सिटी कोतवाली थाना पहुंचे प्रतियोगी छात्रों ने कहा कि, जब उन्होंने एडमिशन लिया, तब योग्य और अनुभवी शिक्षकों से क्लासेस कराने का डेमो दिखाया गया थालेकिन, पिछले तीन महीने से डेमो टीचर के बजाय बदल-बदल कर अनुभवहीन शिक्षकों से क्लासेस कराई जा रही हैछात्रों ने जब पुराने टीचर्स से जानकारी ली, तब उन्हें सैलरी नहीं मिलने की बात सामने आईइससे नाराज छात्र और टीचर्स कोचिंग सेंटर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा मचाने लगे।

शिक्षकों ने बताया कि, दबाव बढ़ने पर संचालक मुर्तजा हुसैन ने दिवाली पर चार शिक्षकों को 50-50 हजार रुपए के चेक दिए थे, लेकिन ये सभी चेक बाउंस हो गए। इतना ही नहीं इस कारण शिक्षकों को अपने खाते से पेनल्टी भी भरनी पड़ी। सैलरी मांगने पर डायरेक्टर ने दो शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया। दोनों को आठ महीने से सैलरी नहीं मिली थी। एक शिक्षक ने अपनी दिसंबर में होने वाली शादी के लिए सैलरी मांगी थी। डायरेक्टर ने दोनों को टर्मिनेशन लेटर ई-मेल करते हुए बकाया सैलरी की रकम 30 अप्रैल 2026 तक देने की बात कही है। शिक्षकों ने यह भी बताया कि, बार-बार सैलरी रोकने से परेशान होकर उन्होंने पितृपक्ष में ही क्लास बंद करने का फैसला लिया था। तब डायरेक्टर ने नवरात्रि में और 17 नवंबर को सैलरी देने का वादा किया। पैसे न होने पर 21 नवंबर को सभी को बुलाया, लेकिन डायरेक्टर अपना मोबाइल बंद कर बचते रहे। संस्था के शिक्षक विकास सिंह और संजय साहू ने बताया कि, इंस्टीट्यूट में एक हजार छात्र ऑफलाइन और दो हजार छात्र ऑनलाइन मोड पर पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों से 35 से 45 हजार रुपए तक फीस ली जा रही है।

शिक्षकों के अनुसार, संस्था की मासिक आय 20 लाख रुपए से अधिक है, जबकि वेतन और अन्य खर्च लगभग 17-18 लाख रुपए हैं। इसके बावजूद सैलरी रोककर डायरेक्टर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

शिक्षकों ने थाने में डायरेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए। बार-बार निवेदन के बावजूद वेतन न मिलने पर शिक्षकों ने कक्षाएं लेनी बंद कर दी है। जब छात्रों ने शिक्षकों से संपर्क किया, तब उन्हें कक्षाएं बंद होने का कारण पता चला। पुलिस के सामने डायरेक्टर मुर्तजा हुसैन ने कहा कि, 30 नवंबर तक पूरा वेतन दे देंगे, लेकिन इसे शिक्षकों ने स्वीकार नहीं किया।

टीआई ने डायरेक्टर को चेतावनी देते हुए एक दिन के भीतर सभी शिक्षकों को आधी सैलरी और 30 नवंबर तक बकाया पूरी सैलरी देने का निर्देश दिया है। टीआई ने रुपए नहीं देने पर डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। जिसके बाद छात्र वापस लौटे। टीआई ने कहा कि छात्र और टीचर ने शिकायत की है। इस मामले की जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

एक छात्र ने बताया कि, एक साल के कोर्स के लिए 45 हजार रुपए लिए गए हैं, लेकिन पढ़ाई अब तक अधूरी है। अब फैकल्टी भी बदलने की तैयारी है।

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