छत्तीसगढ़ के 1 लाख 80 हजार शिक्षक आज हड़ताल पर, 5 मांगों को लेकर प्रदर्शन, पढ़ाई होगी प्रभावित

क्षेत्रीय

छत्तीसगढ़ के करीब 1 लाख 80 हजार शिक्षक आज सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर हैं। वेतन विसंगति, क्रमोन्नति, समयमान, पदोन्नति, पेंशन समेत अपनी मांगों को लेकर शिक्षक जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश के शिक्षकों में संविलियन के बाद उनकी वर्षो की पुरानी सेवा को शून्य किये जाने से बड़ी नाराज़गी है, इसके कारण उन्हें कर्मचारियों को मिलने वाले त्रिस्तरीय क्रमोन्नति/ समयमान वेतनमान से वंचित होना पड़ रहा है। OPS में पूर्ण पेंशन नहीं मिल पायेगा, ग्रेज्युटी, कैशलीव जैसी सुविधाओं में भी आंशिक लाभ ही मिल पायेगा क्योंकि इन सबका पूर्ण लाभ लेने के लिए निर्धारित समयावधि की सेवा आवश्यक होती है। पुरानी सेवा गणना नही होने से कई तरह की वेतन विसंगतियां भी शिक्षक एल बी संवर्ग के वेतनमान में आई है।

शिक्षकों का कहना है कि वेतन विसंगति को दूर करने की बात मोदी गारंटी में वर्तमान सरकार ने खुद अपने संकल्प पत्र में लिखा है। ऐसे में अपनी इन्ही मांगो को लेकर प्रदेश के शिक्षक 24 अक्टूबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बड़ा धरना प्रदर्शन करने जा रहे है। संविलियन आंदोलन के बाद यह पहला आंदोलन होगा जिसमें सभी प्रमुख शिक्षक संगठन एक साथ एक मंच पर आकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा बनाकर आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा, मनीष मिश्रा और विकास राजपूत के नेतृत्व में इसे पूर्व सेवा गणना मिशन का नाम देते हुए 24 अक्टूबर को प्रदेश के हर जिले में जिलास्तरीय धरना प्रदर्शन कर रैली निकाली जायेगी।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि डॉ रमन सिंह सरकार द्वारा किये गए संविलियन से हम कृतज्ञ हैं, जिन्होंने हमे शासकीय शिक्षक बनने का गौरव दिया, परन्तु संविलियन वर्ष के पूर्व की सेवा अवधि को शून्य मान लेने से हमारी वर्षो की सेवा के लाभ से हमे वंचित होना पड़ रहा है। पूर्व सेवा गणना नहीं होने से क्रमोन्नति, पुरानी पेंशन के पूर्ण पेंशन से भी वंचित हो रहे है। समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण न होने बड़ी वेतन विसंगति आ गई है। मोदी की गारंटी में सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने का वादा भी किया गया है जिसे पूर्ण करने की मांग की जा रही है।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा की 5 सूत्री मांगें

मोदी की गारंटी के तहत सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर कर सभी एलबी संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए.
पुनरीक्षित वेतनमान में सही वेतन का निर्धारण कर 1.86 के गुणांक पर वेतन का निर्धारण किया जाए.
पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए सभी शिक्षक को पुरानी पेंशन को निर्धारित करते हुए भारत सरकार द्वारा 2 सितंबर 2008 के जारी आदेश के समान 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया जाए.
उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा डबल बैच द्वारा पारित निर्णय के तहत सभी पात्र शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति समयमान का विभागीय आदेश जारी किया जाए.
शिक्षक और कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जुलाई 2024 से 3% महंगाई भत्ता दिया जाए. जुलाई 2019 से देयतिथि पर महंगाई भत्ते के एरियर राशि का समायोजन जीपीएफ और सीजीपीएफ खाता में किया जाए.