तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के अंदर पिछले 48 घंटे से 8 मजदूर फंसे हुए हैं। इन्हें बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान तेज हो गया है। फंसे लोगों में 2 इंजीनियर भी हैं। रेस्क्यू के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF), फायर सर्विसेज डिपार्टमेंट और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की तीन टीमें जी जान से जुटी हुई हैं। इस बीच बचाव कार्य में अब साल 2023 के उत्तराखंड के बहुचर्चित सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद चमत्कारिक रेस्क्यू करने वाली टीम के 6 सदस्य भी एसएलबीसी टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो चुके हैं। तेलंगाना सरकार के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि हादसा सुरंग के मुहाने से करीब 13 किलोमीटर दूर हुआ है। रेस्क्यू टीम फंसे हुए लोगों से 100 मीटर दूर है। लेकिन पानी और कीचड़ की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। मजदूरों के बचने के आसार बेहद कम हैं। हमारी कोशिश जारी है। मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने अपने बयान में आगे कहा कि बचाव अभियान को अंतिम चरण तक पहुंचने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे। इसकी वजह ये है कि दुर्घटना की जगह कीचड़ और मलबे से भरी हुई है। जिससे बचावकर्मियों को वहां तक पहुंचने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पार पाना एक चुनौतीपूर्ण काम है। उपकरणों को आगे बढ़ाने से पहले हमें पानी निकालना होगा। उसके बाद ही मलबा हटाने का काम शुरू हो सकता है। पानी निकालने की प्रक्रिया तेज करने के लिए अतिरिक्त मोटरें लाई गई हैं। मैंने सुरंग का दौरा किया है। दुर्घटनास्थल से करीब 50 मीटर दूर था। सुरंग के 9 मीटर व्यास में से करीब 30 फीट, उस 30 फीट में से, 25 फीट तक कीचड़ जमा हो गया है। तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में 44 किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है। इस सुरंग में करीब 14 किमी अंदर पानी का रिसाव हो रहा था। मजदूरों और इंजीनियरों की एक टीम इसे रोकने में जुटी थी। तभी सुरंग का करीब तीन मीटर लंबा हिस्सा ढह गया। 4 मजदूर और सुरंग बनाने वाली कंपनी के चार कर्मचारी अंदर फंस गए हैं। हादसे के वक्त मौके पर कुल 50 लोग मौजूद थे। हालांकि बाकी लोग वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहे।
