अयोध्या में मठ और मंदिरों की कोई कमी नहीं है. हर मंदिर की अलग परंपरा, कहानी और प्रसाद है. प्रसाद की बात करें तो आमतौर पर ज्यादातर मंदिरों में लड्डू और पेड़े का प्रसाद दिया जाता है. लेकिन अयोध्या का ही एक मंदिर ऐसा है, जहां बाटी चोखा का प्रसाद दिया जाता है. सरयू तट पर स्थित राजघाट पर एक हनुमान जी का सालों पुराना मंदिर है. इस मंदिर में हर दिन बजरंग बली को बाटी और चोखा का भोग लगाया जाता है भक्तों को भी प्रसाद के रूप में बाटी और चोखा बांटा जाता है. लगभग 5 सालों से इस मंदिर में यही अनोखी परंपरा चलती आ रही है हर मंगलवार इस मंदिर में मंगलवार को विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजन होता है. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु बाटी चोखा का प्रसाद खाने के लिए एकत्रित होते हैं. शुद्ध सात्विक बाटी को लहसुन और प्याज के बिना बनाया जाता है. मंदिर में मौजूद लोगों का कहना है कि महावीर के भोग लगने के बाद प्रसाद दिव्य हो जाता है बाबा बताते हैं, ‘पहले हम बालू के घाटों पर रहते थे. जो भी भक्त आते थे हम उनको बाटी और चोखा खिलाते थे. समय बीतता गया और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई. प्रत्यक्ष उदाहरण सामने है. इसमें बजरंग बली बाबा का पूर्ण आशीर्वाद है. महावीर जी को भाटी चोखे का भोग लगता है और सभी भक्त लोग प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं.’