दुर्ग के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बिजली सप्लाई मुहैया कराई

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CSPDCL दुर्ग के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बिजली सप्लाई मुहैया कराई। दरअसल लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली सप्लाई बाधित है। ऐसी ही एक शिकायत मिलने पर कर्मचारी शिवनाथ नदी के बाढ़ के पानी डूबे बिजली के पोल तक तैरकर पहुंचे।

गाड़ी के ट्यूब के सहारे तैरकर बिजली के खंभे तक पहुंचने के बाद कर्मचारियों ने कटे हुए जंपर को सुधारा, तब जाकर चंद्रखुरी उपकेंद्र की बिजली सप्लाई बहाल हो सकी। दुर्ग बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता एके गौरहा ने बताया कि आंधी-बारिश के चलते ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति देना बड़ी चुनौती है।

एके गौरहा ने कहा कि उन्हें बुधवार को सूचना मिली थी कि सुबह 8 बजे अंडा वितरण केंद्र 33 केवी लाइन में फॉल्ट आया है। इससे वहां बिजली की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसके चलते पुलगांव के 132/33 केवी उपकेंद्र से 33/11 केवी चंद्रखुरी के लिए निकली 33 केवी लाइन में भी सप्लाई बाधित हो रही है।

लगातार शिकायत मिलने के बाद विद्युत कर्मियों ने फॉल्ट का पता लगाया। बारिश के चलते शिवनाथ नदी का जलस्तर इतना अधिक था कि आसपास के क्षेत्र में जलभराव हो गया था। विद्युत कर्मियों ने जान हथेली पर रखकर गाड़ी के ट्यूब के सहारे खंभे तक पहुंचकर फॉल्ट को ठीक किया।

विद्युतकर्मियों ने जानकारी दी कि ठाकुर होटल पुलगांव के पीछे स्थित एबी स्विच में जंपर कट गया है। इससे चंद्रखुरी उपकेंद्र की विद्युत सप्लाई बाधित हो गई। इस उपकेंद्र में बिजली नहीं आने से हेवी विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली सप्लाई भी प्रभावित थी। इसे देखते हुए अधीक्षण अभियंता ने तुरंत कार्यपालन अभियंता एके बिजौर को बुलाया। इसके बाद उनकी टीम के साथी शिवनाथ नदी से हुए डुबान क्षेत्र में उतरे। वे 10-15 फीट गहरे पानी में 200 मीटर तैरकर विद्युत पोल तक पहुंचे। उसके बाद फॉल्ट को ठीक कर चंद्रखुरी उपकेंद्र की बिजली सप्लाई को बहाल किया।