रायपुर : छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य मंडल के नेतृत्व में”ओपन हार्ट ओपन माइक” काव्य गोष्ठी का आयोजन वृंदावन हॉल, सिविल लाइंस में किया गया। आचार्य अमरनाथ त्यागी ने अध्यक्षता की। कवियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं की प्रस्तुति दी।
समीर ठाकुर ने शहीदों को स्मरण एवं नमन किया..
शहादत दी शहीदों ने वतन पर वे कुर्बान हुये
तभी अमन चैन से वतन मे आरती और अजान हुये।।
सर ना झुकने दिया अपने भारत का जय हिंद उद्घोष से हुआ गगन गुंजायमान
नायक नही है तुमसा कोई इस जग मे, तुम हो भारतभूमि की सच्ची असली शान।
कुमार जगदलवी ने धारा तीन सौ सत्तर हटने की बात की ..
लाल झण्डे को झटक तिरंगा
वादी में निर विवाद हुआ है।
शेख-सईद के पंजे में था
फंसा कश्मीर आज़ाद हुआ है।
अनिल श्रीवास्तव ‘ज़ाहिद’ ने कायदे की बात की
ग़लत दिखे तो उस पर नजर रखना ज़रूरी है।
हमारे शहर में ये क़ायदा ज़रूरी है॥
ये लड़खड़ाती ज़ुबां और चला रहे हो कार।
तुम्हारी जेब में घर का पता ज़रूरी है॥
मोहन श्रीवास्तव ने तांडव नृत्य का भाव प्रदर्शित किया
प्रसन्नता सदा मिले, सुसिद्ध ओम जाप में।
समस्त लोक आदि हैं, समाय नाथ आप में।।
सुहाग शैलपुत्रि के, समस्त व्याधि जारते।
समस्त दिव्यलोक को, बिना अधार धारते।।
राकेश अग्रवाल “साफिर” ने साफगोई दिखाई ..
इंसानों का वंदन हमसे न होगा
धूर्तों को चंदन हमसे न होगा।
स्वयंभू का अभिनंदन हमसे न होगा
श्मशानों में नन्दन हमसे न होगा।
शोभामोहन श्रीवास्तव की रचना में होली की आहट सुनाई दी ..
चोली चुंदरिया रंग फगुनवा।
गाँठ बँधाये संग फगुनवा।।
ढोल नगाड़ा थाप फगुनवा।
भुँइया देत अलाप फगुनवा।।
संचालन सुनील पांडे ने किया।
इस अवसर पर गोपाल प्रसाद जोशी, डॉ. चंद्रावती नागेश्वर, डॉ. उदयभान सिंह चौहान, डॉ. जे.के. डागर, नूपुर साहू, घनश्याम चौधरी, मोहम्मद हुसैन, लोकनाथ साहू ‘ललकार’, छविलाल सोनी, आशा पाठक, शिव सोनी, आनंद पाठक, ज्योति सोनी, डॉ. युक्ता राजश्री, डॉ रत्ना पांडे, मन्नूलाल यदु, गोपाल सोलंकी, यशवंत यदु आदि ने भी प्रस्तुति दी।