Chandra Grahan 2023 Date, time In India: सौरमंडल में लगने वाली ग्रहण की घटना भले ही खगोलीय हो, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इसके लाभ और हानि का दूरगामी परिणाम होता है. इस वर्ष कुल दो चंद्र ग्रहण हैं, जिसमें पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लग चुका है. अब इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा की रात लगेगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा.
इससे पहले 14 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगा था. ज्योतिषविद एक ही माह में दो ग्रहण को कहीं से भी लाभकारी नहीं बता रहे हैं. इतना ही नहीं, 14 अक्टूबर से लेकर 4 नवंबर तक पूरे 20 दिन खगोलीय घटनाक्रम के लिहाज से विशेष बताया गया है. जिसका प्रभाव धरती पर प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, बड़े देशों में युद्ध की स्थिति और भारत सहित पूरे विश्व में राजनीतिक उथल-पुथल के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.
कब लगेगा चंद्र ग्रहण? (Chandra Grahan 2023 Kab hai)
ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को भारत में साल 2023 का पहला और आखिरी खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इससे पहले भारत में आखिरी चंद्र ग्रहण साल 2022 में देखा गया था. .
कब लगेगा चंद्र ग्रहण? (Lunar eclipse 2023 visibility in India)
भारत में शनिवार, 28 अक्टूबर को लगने वाला खंडाग्रास चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा. इसके अलावा यह ग्रहण अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, पश्चिमी और दक्षिणी प्रशांत महासागर, अफ्रीका, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अमेरिका के पूर्वी उत्तरी भाग में भी दिखेगा. यह सूर्य ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में लगेगा.
भारत में कितने बजे दिखेगा चंद्र ग्रहण? (Chandra grahan 2023 kitne baje lagega)
भारतीय मानक समयानुसार, चंद्र ग्रहण का बिल्कुल शुरुआती चरण 28 अक्टूबर की रात 11.30 बजे से आरंभ हो जाएगा और देर रात 2 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा.
चंद्र ग्रहण का 01 बजकर 05 मिनट पर स्पर्श, रात्रि 01 बजकर 44 मिनट पर मध्य काल और इसका मोक्ष रात्रि 02 बजकर 24 मिनट पर होगा. यानी भारत में संपूर्ण ग्रहण काल चार घंटे और चौबीस मिनट (4.4 घंटे) का होगा. अगर चंद्र ग्रहण के सबसे महत्वपूर्ण और ग्रहण के चरम काल की बात की जाए तो ये 29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा यानी ये एक घंटा 19 मिनट का होगा.
चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा (Chandra Grahan 2023 visibility in India & world)
उन्होंने आगे बताया कि चंद्रास्त के समय ग्रहण का प्रारंभ ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी प्रशांत महासागर और रूस के पूर्वी भाग में दिखाई होगा. चंद्रोदय के समय ग्रहण का अंत ब्राजील के पूर्वी भाग और कनाडा व उत्तर और दक्षिण अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण के सूतक काल की टाइमिंग (Chandra Grahan October 2023 sutak kaal timing)
ज्योतिषविद ऋषि द्विवेदी ने आगे बताया कि 28-29 अक्टूबर के खंडग्रास चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 05 मिनट से लग जाएगा. धर्म शास्त्र वचन के अनुसार, सूतक काल में भोजन निवृत्ति के साथ धार्मिक कृत्य श्राद्ध आदि करना चाहिए. ग्रहण में जपा गया मंत्र हमेशा सिद्ध होता है. बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़कर सभी सनातनी को अनुसरण करना चाहिए.
ग्रहण के बाद राहु-केतु-शनि बढ़ाएंगे मुश्किल (Chandra Grahan 2023 sayog)
उन्होंने आगे बताया कि 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक आकाश मंडल में भारी उथल-पुथल देखने को मिलेगी. 14 और 28-29 अक्टूबर को दो ग्रहण होंगे. तो वहीं 30 अक्टूबर को राहु-केतु का राशि परिवर्तन होगा. फिर 4 नवंबर को शनि देव का कुंभ राशि में मार्गी होंगे. यानी 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक पूरे 20 दिन खगोलीय घटनाक्रम के लिहाज से विशेष होंगे, जिसका प्रभाव धरती पर भूकंप, महामारी, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं और बड़े देशों में युद्ध और भारत सहित संपूर्ण विश्व में राजनीतिक उथल-पुथल के रूप में दिखाई देंगे.
ध्यान रहे कि ग्रहण का प्रभाव ग्रहण लगने 15 दिन आगे तक रहता है. वहीं, इस बार 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा भी होगी. ग्रहण के सूतक लगने के कारण इनकी पूजा सूतक लगने के पूर्व कर लेना ही उचित होगा.
4 राशियों पर शुभ प्रभाव (Chandra Grahan October 2023 effect on zodiac signs)
ज्योतिषी ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि ग्रहण का शुभ प्रभाव इन चार राशियों वालों को मिलेगा. इसमें मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ शामिल हैं. मिथुन राशि को आर्थिक लाभ, कर्क राशि को चतुर्दिक लाभ, वृश्चिक राशि को मनोवांछित लाभ और कुंभ राशि को श्रीवृद्धि का लाभ होगा.
क्या होता है आंशिक चंद्र ग्रहण (What is Partial Lunar Eclipse 2023)
सूर्य की परिक्रमा के दौरान जब पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में आ जाती है तब चंद्रग्रहण लगता है. पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है. इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय हो जाता है और ऐसे में जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग हमें काला दिखाई पड़ता है. वहीं, आंशिक चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है. इसमें ऐसा प्रतीत होता है कि, चंद्रमा किनारे से कट रहा हो. पृथ्वी की छाया चंद्रमा के उस भाग में ज्यादा काली दिखाई देती है, जोकि पृथ्वी के निकट होती है.
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें (Chandra Grahan 2023 dos and donts)
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें
1. चंद्र ग्रहण के दौरान क्रोध न करें, क्रोध करने से अगले 15 दिन आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं.
2. चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण न करें. साथ ही पूजा पाठ करना भी वर्जित माना जाता है.
3. चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए. इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं.
4. चंद्र ग्रहण के दौरान व्यक्ति को किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है.
5. ग्रहण की अवधि में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए. ऐसा करने से आपके घर की सुख-शांति खराब हो सकती है.
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें (Precaution during Chandra grahan)
1. चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए, जो कि दस गुना फलदायी माना जाता है.
2. चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों का दान देना चाहिए.
3. चंद्र ग्रहण के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए. ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है.
4. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है.