शादियों का सीजन एक बार फिर शुरू हो गया है. इसी दौरान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक अनोखी शादी का मामला सामने आया है. दरअसल, गोरखपुर के ददरी गांव में 42 साल की महिला का दूसरा विवाह गांववालों ने उसके प्रेमी संग करवा दिया. गौरतलब है कि महिला के पहले पति की बीमारी से मृत्यु हो चुकी है. पहले पति से महिला के कुल 10 बच्चे थे. जिसमें 4 बेटियां और 6 बेटे शामिल हैं.
जिले के बड़हलगंज के ददरी गांव का यह पूरा मामला है. गांव की 42 वर्षीय सोनी देवी के पति विजय शर्मा का 6 साल पहले देहांत हो गया था. पति के मरने के बाद कुल 10 बच्चों की जिम्मेदारी सोनी देवी के कंधों पर आ गई थी. इनमें 4 लड़कियां और 6 लड़के शामिल हैं. सोनी देवी की सबसे बड़ी बेटी की उम्र 22 वर्ष है.
उधर, इसके बाद विधवा सोनी देवी किसी तरह स्थानीय गुरुकुल पीजी कॉलेज में छोटा-मोटा काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करने लगी.
इसी बीच, देवरिया जिले के नकइल गांव के रहने वाले बालेंद्र उर्फ बलई (40 वर्ष) की मुलाकात सोनी देवी से हुई. देखते ही देखते उम्र के इस पड़ाव पर दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं और दोनों पिछले 5 साल से एक-दूसरे से मिलना जुलना करते थे.
इसके बाद कुछ लोगों ने उनके संबंधों पर आपत्ति जताई तो इस पर ग्रामीणों ने पंचायत बुलाई. जिसमें यह फैसला लिया गया कि क्यों न इन दोनों की शादी करा दी जाए. लिहाज़ा इससे इनके साथ-साथ अनाथ 10 बच्चों को भी पिता का प्यार और उसकी छत्रछाया मिल जाएगी.
सर्वसम्मति से फैसला लेकर गांववालों ने इन दोनों की शादी विधि-विधान से करा दी. अब इस पूरे मामले की हर जगह चर्चा हो रही है. वहीं, लोग इस नेक कार्य के लिए गांववालों की भूरि-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं.
शुक्रवार को शिव मंदिर पर सोनी और बालेंद्र का संक्षिप्त विवाह करवा दिया गया. साथ ही साथ इन्हें विदाई में गांववालों की तरफ से उपहार भी दिए गए. देखें Video:-
बच्चों को छोड़कर भाग गई थी महिला
इससे पहले महिला बच्चों को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी. किसी काम को लेकर जब वह गांव में दोबारा लौटी तब जाकर ग्रामीणों ने उसे रोका और विधि-विधान से उसकी शादी कराने का फैसला लिया.
गौरतलब है कि स्थानीय पीजी कॉलेज के प्रबंधक का इसमें बड़ा रोल रहा है. उन्होंने अब इस दंपति के रहने के लिए कॉलेज परिसर में ही एक आवास मुहैया करा दिया है और साथ ही दोनों को उसी में नौकरी भी दे दी. अब सरकारी योजनाओं से कैसे इस नवदंपति को लाभ पहुंचाया जा सके, इसका प्रयास किया जा रहा है.