सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा सवाल-24 घंटे में कैसे कर दी चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति?

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चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को फिर सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने संविधान पीठ को अरुण गोयल की निर्वाचन आयुक्त पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित फाइल सौंपी. सरकार ने कहा कि नियुक्ति की ओरिजिनल फाइल की प्रतियां पांचों जजों को दी गई हैं.

सुनवाई के दौरान पीठ ने नियुक्ति के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए. जस्टिस अजय रस्तोगी ने इतनी तेज रफ्तार से फाइल आगे बढ़ने और नियुक्ति करने पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि चौबीस घंटे के भीतर कैसे जांच पड़ताल कर दी गई? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो सभी बातों का जवाब देंगे, लेकिन अदालत उनको बोलने का मौका तो दें.

इस दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि विधि और न्याय मंत्रालय ही संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाता है, फिर उनमें से सबसे उपयुक्त का चुनाव होता है. इसमें प्रधानमंत्री की भी भूमिका होती है.

सुनवाई शुरू होने के तीन दिन के भीतर नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवाउ को अरुण गोयल के चयन से संबंधित मूल फाइल को अदालत में पेश करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि वह जानना चाहता है कि उनकी नियुक्ति में कोई HANKY-PANKY तो नहीं हुई है. यानी कि इस नियुक्ति में कोई गड़बड़झाला तो नहीं हुआ है.

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह टिप्पणी की थी कि सुनवाई शुरू होने के तीन दिन के भीतर ही नियुक्ति की गई है. नियुक्ति प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराते हुए अर्जी दाखिल करने के बाद ये नियुक्ति की गई है.

बेंच ने कहा कि हम तो बस ये जानना चाहते हैं कि नियुक्ति के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई? अगर ये नियुक्ति कानूनी तौर से सही है तो फिर घबराने की क्या जरूरत है? उचित होता अगर अदालत की सुनवाई के दौरान नियुक्ति ना होती.