बेटी के घर जाने का नहीं था किराया, 90 साल की महिला ने 8 दिन में 180KM चलाई ट्राई साइकिल

राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश के अशोकनगर में एक बुजुर्ग दिव्यांग महिला ने अपनी बेटी से मिलने के लिए 180 किलोमीटर तक का सफर ट्राई साइकिल से कर डाला. दरअसल, बुजुर्ग महिला ने बेटी से मिलने के लिए कुछ दिन तक पैसे जोड़े, लेकिन जितने की जरूरत थी, उतने पैसे नहीं हो पाए. बुजुर्ग दिव्यांग महिला के पास किराया नहीं था, तो बस वालों ने उसे नहीं बैठाया. इसके बाद महिला ट्राई साइकिल से निकल पड़ी और 180 किलोमीटर का सफर कर डाला.

बुजुर्ग महिला अपनी तीन पहिये की ट्राई साइकिल पर कुछ खाने-पीने का सामान रखा और निकल पड़ी. रास्ते में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. महिला की उम्र लगभग 90 साल है. जिस उम्र में लोग ठीक से चल नहीं पाते, उस उम्र में महिला ने भीषण गर्मी में ट्राई साइकिल से बेटी के यहां जाने के लिए 180 किलोमीटर तक ट्रैवल किया. रास्ते में जहां भी ऊंचाई होती थी, वहां महिला हाथों से साइकिल के टायर को खींचकर चढ़ाती थी.

चेहरे की झुर्रियां और कंपकंपाती आवाज में कहा- मुश्किल था सफर

महिला के चेहरे की झुर्रियां और कंपकंपाती आवाज से उम्र का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. चंद पैसे नहीं होने पर 90 साल की बुजुर्ग दिव्यांग महिला को 180 किलोमीटर तक भीषण गर्मी में ट्राई साइकिल से सफर करना पड़ा. ये सफर आसान बिल्कुल नहीं था. बुजुर्ग महिला अशोकनगर की रहने वाली है.

लोगों ने सरकार की योजनाओं पर उठाए सवाल

महिला के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह बस से सफर कर अपनी बेटी के पास पहुंच सके. लोगों का कहना है कि सरकारें बड़ी-बड़ी बातें करतीं हैं. बड़े-बड़े वादे करती हैं. हजारों करोड़ों रुपये की योजनाएं चलती हैं, लेकिन ऐसे जरूरतमंद लोग आज भी चंद रुपयों के लिए मोहताज बने हुए हैं. इतना कठिन परिश्रम कर अपनी जरूरत की पूर्ति कर पा रहे हैं.

वीडियो में दिखा- कितनी मुश्किल से बुजुर्ग ने पूरा किया सफर

बुजुर्ग महिला का कहना है कि वह अशोनकनगर की रहने वाली है. उसके पास पैसे नहीं थे. इसलिए बस से नहीं आई. बस वालों ने नहीं बैठाया, पर बेटी से मिलना था तो 8 दिन में 180 किलोमीटर का सफर तय करके अपनी बेटी के घर जा रही हूं. बहुत परेशानी भी रास्ते में हुई है. इसका वीडियो भी सामने आया है. यह वीडियो राजगढ़-पचोर हाइवे का बताया जा रहा है.