कसडोल शहर के एक किमी के दायरे में घुसा बाघ, मच गया हड़कंप, ट्रैक्यूलाइज कर किया गया काबू

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छत्तीसगढ़ : रायपुर के पास कसडोल शहर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब बाघ बस्ती के बहुत पास आ गया। इसी दौरान बाघ ग्राम कोट में एक पैरे (पराली) के ढेर में छिप गया। उसकी एक्टिविटी पर ग्रामीणों के साथ वन विभाग की भी नजर थी, बाघ को ट्रेंक्यूलाइज किया गया, कुछ देर होश में रहने के बाद बेहोश हो गया। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम भी ग्राम कोट में पहुंच गई थी। लोग उस पर नजर रखे हुए थे और बाघ उनकी नजर से छुपने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान उसे गांव में एक पैरे का ढेर सबसे सुरक्षित जगह लगी और उसमें छिप गया। इसी बीच वन विभाग के कर्मचारियों ने बाघ को ट्रेंक्यूलाइज किया। इसके बाद भी वह कुछ देर तक होश में रहा और पास के पेट्रोल पंप के पीछे की ओर आ गया। उसे ट्रेंक्यूलाइज के बाद भी होश में देख वन टीम समेत लोगों धड़कनें बढ़ गईं, लेकिन फिर उसे तेजी से बेहोशी आ गई। और जमीन पर लेट गया। इसके बाद वन विभाग की टीम ने उसे अपने नियंत्रण में लिया।

बाघ के शहर के पास आने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई थी, कि इसे कैसे नियंत्रित किया जाएगा। वन विभाग के अमले ने योजना के मुताबिक पूरे टास्क को अंजाम दिया।बताया जाता है कि यह बाघ ओडिशा के रास्ते से बारनवापारा पहुंचा होगा। आठ महीने से यह बारनवापारा में सक्रिय था। बाघ की सक्रियता केवल कोर एरिया में रहे इसके लिए वन विभाग ने पर्याप्त प्रयास किए थे। जब बाघ का मूवमेंट कोर एरिया से बाहर होने की खबर मिली तो वन अमले ने सतर्कता से अपनी कार्रवाई को पूरा किया। अधिकारियों के मुताबिक अब बाघ को किसी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा ताकि इसे और भी सुरक्षित परिवेश मिल सके।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को रेडियो कालर लगा दिया गया है। इससे बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने में आसानी होगी। इसके रक्त का नमूना भी लिया गया है। बाघ पूरी तरह स्वस्थ है।