उत्तराखंड के नैनीताल से दो बाघ गुजरात भेजे गए हैं. जिन्हें गुजरात के जामनगर में बन रहे ग्रींस जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंग्डम में रखा जाएगा. जिसे रिलायंस इंडस्ट्री बना रही है. जिसे दुनिया का सबसे बड़ा चिड़ियाघर भी कहा जा रहा है.
नैनीताल के गोविंद बल्लभ पंत चिड़ियाघर में मौजूद चार बाघों में से 2 बाघों को गुजरात के जामनगर भेजा गया है. जू अथॉरिटी ने ये फैसला सेंट्रल जू अथॉरिटी और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के आदेश पर लिया. जिन दो बाघों को जामनगर भेजा गया है, उनमें 3 साल की बाघिन शिखा और 16 साल का बाघ बेताल शामिल है.
बता दें कि शिखा कुछ ही दिनों की थी जब अपनी मां से बिछड़ गई थी. साल 2019 के फायर सीजन में शिखा को फॉरेस्ट के हल्द्वानी तराई पूर्वी डिविजन के किशनपुर इलाके से रेस्क्यू किया गया था. जिसके बाद उसकी देखरेख का काम रानीबाग के वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर में चला.
बचपन से ही इंसानों के बीच रही शिखा का इंसानों से व्यवहार बेहद मित्रता वाला हो गया. शिखा काफी समय तक रानीबाग के रेस्क्यू सेंटर में ही रही. लेकिन बाद में उसे नैनीताल जू शिफ्ट कर दिया गया. जबकि 16 साल के बाघ बेताल को बेतालघाट से रेस्क्यू किया गया था.
दरअसल, बेताल यहां एक तार में फंस गया था. घायल होने के कारण यहीं से इसे रेस्क्यू किया गया. जिसका इलाज जू में चला और बाद में इसे दर्शकों के दीदार के लिए खोल दिया गया. बेताल काफी रौबीला बाघ था और एक तरह से नैनीताल जू की शान था.
नैनीताल के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी के मुताबिक, दोनों बाघों को गुजरात के जामनगर से आई वाइल्ड.लाइफ एक्सपर्ट की टीम को सौंप दिया गया है. इन दोनों बाघों को गुजरात भेजे जाने के बाद नैनीताल चिड़ियाघर में अब महज 2 ही बाघ बचे हैं.
2019 में कॉर्बेट आए थे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2019 में कॉर्बेट नेशनल पार्क के दौरे पर आए थे. इस दौरान पीएम मोदी ने यहां अनेकों वन्यजीवों के दीदार किए. प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दौरान कॉर्बेट में टाइगर सफारी शुरू करने के साथ ही एक वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर खोलने का भी ऐलान किया था. जिसका काम तेजी से चल रहा है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का वन्यजीवों से गहरा नाता है.