पश्चिम बंगाल में TMC सांसद शताब्दी राय की वजह से एक विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल TMC राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर एक जनसंपर्क कार्यक्रम चला रहा है. इसी क्रम में ‘दीदी का दूत’ कार्यक्रम में शामिल होने शताब्दी रॉय भी बीरभूम पहुंचीं. दावा है कि बीरभूम में TMC सासंद एक कार्यकर्ता के खाने खाने को बैठीं, लेकिन सिर्फ फोटो खिंचाकर ही उठ गईं. मामला शुक्रवार का है जब सांसद शताब्दी रॉय अपने लोकसभा क्षेत्र बीरभूम पहुंचीं.
दावा किया जा रहा है कि बीरभूम के विष्णुपुर के तेंतुलिया में TMC कार्यकर्ता सुजीत सरकार के घर में सांसद के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया गया था. इस दौरान पार्टी के जिला स्तर के कई नेता वहां मौजूद थे. अन्य तृणमूल नेताओं के साथ सांसद शताब्दी रॉय भी जमीन पर खाने के लिए बैठ गईं. उनके सामने कई प्रकार के भोजन परोसे गए, लेकिन शताब्दी रॉय ने खाने के सामने चश्मा उतारकर अपना फोटो खिंचवाया. जैसे ही फोटो खिंचवाने का कार्यक्रम पूरा हुआ शताब्दी रॉय बिना भोजन को छुए वहां से उठ गई.
इस दावे के साथ भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को घेरा. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद बीरभूम भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव साहा ने कहा उन्हें सिर्फ फोटो खिंचवाना था, जो उन्होंने किया. भाजपा द्वारा घेरने के बाद TMC सांसद ने खुद इस मुद्दे पर सफाई दी है. शताब्दी रॉय ने कहा कि मैं उस इलाके की पिछले 14 साल से सांसद हूं. मैं क्षेत्र का नियमित दौरा करती हूं. अपने कार्यक्रम के अनुसार मैं एक कार्यकर्ता के घर दोपहर का भोजन कर चुकी थी. जब मैं दूसरे टीएमसी कार्यकर्ता के पास गई, तो उसने खाना बनाया था.
TMC सांसद ने खुद दी सफाई
शताब्दी रॉय ने साफ कहा कि TMC कार्यकर्ता को कह दिया था कि मैं खाना खा चुकी हूं, मैं दो बार कैसे खाऊं. इसपर कार्यकर्ता ने कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई. शताब्दी रॉय ने कहा कि मैं तो स्थानीय फोटोग्राफरों के कहने पर वहां बैठ गई थी. वे खाने और थाली के साथ मेरी तस्वीर लेना चाहते थे, इसलिए मैं बैठ गई. तस्वीर लेने के बाद मैं वहां से उठ गई.
वायरल वीडियो को बताया अधूरा
शताब्दी रॉय ने भाजपा को लेकर कहा कि यह दुख की बात है कि मीडिया और बीजेपी के कुछ वर्ग आधे वीडियो क्लिप का इस्तेमाल कर रहे हैं, जहां मुझे बिना खाए उठे देखा जा सकता है. यह महज प्रचार है.