आसमान छूते दाम की वजह से टमाटर आम जनता की पहुंच से फ़िलहाल बहुत दूर हो गया है। आलम ये है कि कई लोगों ने अपने घरों में टमाटर लाना बंद कर दिया है। अब टमाटर के दाम के प्याज के दाम बढ़ने की आशंका है। बीते दिनों यह देखा गया था कि उचित दाम न मिलने की वजह से किसान प्याज को खेतों में छोड़ रहे थे या फिर सड़क पर फेंक दे रहे थे। उनका कहना था कि बाजार तक प्याज ले जाकर भी उन्हें कोई मुनाफा नहीं हो रहा है बल्कि नुक्सान हो रहा है। खैर अब प्याज के दाम में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। महाराष्ट्र के नासिक जिले की लासलगांव सब्जी मंडी में प्याज के थोक भाव में 48 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह प्याज के लिए देश की सबसे बड़ी थोक मंडी है। बीते 4 अगस्त को लासलगांव में एक क्विंटल प्याज की कीमत 1550 रुपए थे। जबकि बीते शुक्रवार यानी कल प्याज के दाम प्रति क्विंटल 2300 रुपए थे। बीते आठ महीनों में यह सबसे ज्यादा थोक बाजार भाव है।
बीते साल दिसंबर के महीने में प्याज़ का थोक भाव 2311 रुपए था। प्याज के थोक व्यापारी सागर जैन बताते हैं कि घरेलू बाजार में डिमांड बढ़ने से यह बढ़ोतरी देखी जा है। डिमांड के मुकाबले सप्लाई काफी कम है। इसके अलावा एक्सपोर्ट की मांग भी बढ़ी है। वहीं आँध्र प्रदेश और कर्नाटक में बारिश की वजह से प्याज की फसल लगाने में एक महीने की देरी हुई है। महाराष्ट्र के अहमदनगर में प्याज की आवक भी कम हुई है। जिसके चलते प्याज की कीमत बढ़ी है।
दाम बढ़ने की एक वजह ये भी है
प्याज के दाम इसलिए बढ़ें हैं क्योंकि लासलगांव में प्याज की आवक में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पहले यहां एक दिन में 20 हजार से 25 हजार क्विंटल प्याज आती थी लेकिन अब घटकर 15 क्विंटल तक पहुंच गई है। दरअसल किसान फिलहाल खरीफ की फसल लगाने में व्यस्त हैं। इसलिए वे बाजार में प्याज लेकर नहीं आ पा रहे हैं। इसके अलावा कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में प्याज की फसल में हुई देरी के चलते दक्षिण में भारत में भी प्याज की डिमांड बढ़ गई है, इसलिए दाम बढे हैं।