ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर की ट्रेनिंग एक हफ्ते के लिए रोक दी गई है। पूजा को 15 से 19 जुलाई तक अकोला में आदिवासी विकास परियोजना में प्रशिक्षु के रूप में शामिल होना था, लेकिन वाशिम जिला अधिकारी ने इस पर रोक लगा दी है। पूजा पर दिव्यांगता और OBC आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करके भारतीय प्रशासनिक सेवा (UPSC) में सिलेक्शन पाने का आरोप है पूजा के दिव्यांग और OBC सर्टिफिकेट की पुलिस जांच होगी। सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टर से भी पूछताछ की जाएगी। ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर ने दो बार विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था। पुणे के औंध अस्पताल ने उनका आवेदन खारिज कर दिया था। औंध अस्पताल ने पूजा के आवेदन के जवाब में कहा, ‘आपने 23 अगस्त 2022 को विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था। आपकी ओर से बताई गई बीमारी लोकोमोटर विकलांगता की मेडिकल टीम ने 11 अक्टूबर 2022 को जांच की थी। टीम ने रिपोर्ट के आधार पर आपके दावे को उचित नहीं माना। आपके पक्ष में विकलांगता सर्टिफिकेट जारी करना संभव नहीं है। लोकोमीटर विकलांगता हड्डियों या मांसपेशियों को प्रभावित करती है, जिसके कारण हाथ-पैर के मूवमेंट में परेशानी हो सकती है।’ इसके बाद उन्होंने पिंपरी-चिंचवड के गवर्नमेंट अस्पताल में विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
केंद्र ने 11 जुलाई को विवादों में घिरी ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को वेरिफाई करने के लिए सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया है। केंद्र ने एक बयान में कहा कि यह जांच एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर कर रहे हैं। इसका मकसद 2023 बैच की अधिकारी खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल को वेरिफाई करना होगा। समिति अपनी रिपोर्ट दो हफ्तों में पेश करेगी। पूजा से जब उनकी जांच के लिए गठित कमेटी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पूजा ने कहा, ‘मुझे इस पर कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है। मैं कमेटी के सामने अपना पक्ष रखूंगी।