अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रेल गाड़ियों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ना तय है। इसी के मद्देनजर अयोध्या रेल खंड पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने से लेकर यात्री सुविधाएं मुहैया कराने की कवायद भी शुरू हो गई है। इसके पहले अयोध्या रेल खंड पर डबल रेल लाइन और इलेक्ट्रिक लाइन का काम शुरू हो गया है। इस वजह से अयोध्या रूट की सभी ट्रेनें 16 से 22 जनवरी तक रद्द रहेंगी। इनमें सात जोड़ी मेल, पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। वहीं अयोध्या के रास्ते विभिन्न रेल खंडों से गुजरने वाली 35 ट्रेनें बदले रास्ते चलाई जाएंगी।
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार की ओर से जारी सूचना के मुताबिक अयोध्या कैंट से आनंद विहार नई दिल्ली तक चलने वाली वंदे भारत जो अभी तक 15 जनवरी तक निरस्त थी, उसे बढ़ाकर 22 जनवरी तक निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा 16 से 22 जनवरी तक फैजाबाद-लखनऊ पैसेंजर को निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा साकेत एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट ट्रेनों को सुल्तानपुर में रोक दिया जाएगा। ये ट्रेन अयोध्या नहीं आएगी।
अयोध्या होकर लखनऊ आने वाले ट्रेने बदले रूट मां बेल्हादेवी प्रतापगढ़ के रास्ते लखनऊ पहुंचेगी और इसी रास्ते वापस जाएगी। इनमें दून एक्स., कोलकाता-जम्मूतवी एक्स., गंगा सतलज एक्स. 20 व 21 जनवरी को। भगत की कोठी-कामाख्या एक्स. और न्यू तिनसुकिया-अमृतसर एक्स.16 को, ओखा-गुवाहाटी एक्सप्रेस 19 को बदले रूट से चलेगी।
अयोध्या होकर लखनऊ आने वाली ट्रेनों का सुलतानपुर के रास्ते आवागमन होगा। इनमें 16, 20 व 21 को पटना-कोटा, फरक्का एक्सप्रेस 21 को, इंदौर-पटना 20 को, पटना-इंदौर 21 को, लोकनायक एक्सप्रेस 20 व 21 को बदले रूट से लखनऊ पहुंचेगी।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारी भीड़ अयोध्या न पंहुचे, इसलिए ट्रेनों को निरस्त करते हुए रूट बदल दिए गए। पत्र में बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्यों के लिए ट्रेनों का रद्दीकरण और डायवर्जन करना बताया गया है। ट्रेनों से लोगों के आने की भीड़ की संभावना ज्यादा थी, इसलिए 16 से 22 यानी प्राणप्रतिष्ठा के दिन तक अयोध्या की तरफ आने जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया गया।