पेरिस ओलंपिक में अल्जीरिया की ट्रांसजेडर बॉक्सर इमान खलीफा का मामला थमा नहीं था कि अब एक और खिलाड़ी लिन यू-टिंग के जेंडर से जुड़ा मामला सामने आया है. ताइवान की बॉक्सर लिन यू-टिंग को शुक्रवार को एक और मुकाबला खेलना है, वही जेंडर टेस्ट में फेल हो गई हैं. हालांकि, इसके बावजूद वह अपना मुकाबला खेलेंगी.
दो बार की वर्ल्ड चैंपियन ताइवान की लिन यू-टिंग , इमान खलीफा के बाद अपने दूसरे ओलंपिक में भाग लेंगी. वह 57 किलोग्राम वर्ग में उज्बेकिस्तान की सिटोरा तुर्डीबेकोवा से मुकाबला करेंगी. खलीफा और लिन दोनों को पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में जेंडर एलिजिबिलिटी मानदंडों में असफल पाया गया था. 25 वर्षीय खलीफा के पास पुरुष XY गुणसूत्र हैं. जबकि इन दोनों ही बॉक्सर की पहचान उनके पासपोर्ट में महिला के नाम पर दर्ज है. लिन महिलाओं के 57 किलोग्राम फेदरवेट वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त हैं, उन्हें टर्डीबेकोवा के साथ मुकाबले से पहले पहले दौर में बाई मिल गई है. लिन की बात की जाए तो पिछले साल एशियन गेम्स में जीत के बाद पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था. लिन ने 2018 में अपना पहला वर्ल्ड टाइटल जीता था और 2013 में यूथ वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं.
अल्जीरियाई की खलीफा ने ओलंपिक में अपने मुकाबले के बाद पूरी दुनिया में बहस छेड़ दी. खलीफा की प्रतिद्वंद्वी इटली की एंजेला कैरिनी ने गुरुवार (1 अगस्त) को 46 सेकंड बाद ही मुकाबला छोड़ दिया और कहा कि उनके जीवन में कभी भी इतना जोरदार मुक्के नहीं झेले. इमान खलीफा एक ट्रांसजेडर हैं, वह 2023 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में जेंडर एलिजिबिलिटी मानदंडों को पूरा नहीं कर सके थे और बाहर हो गए थे. मगर इस बार पेरिस ओलंपिक में जेंडर-इक्वालिटी का मामला है, इस कारण उनको एंट्री मिल गई.
खलीफा और लिन दो बार के ओलंपियन हैं, जिन्होंने टोक्यो खेलों में भाग लिया था. आईओसी (इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी) ने इस सप्ताह बॉक्सर के प्रतिस्पर्धा करने के अधिकार का बार-बार बचाव किया. इस साल पहली बार ओलंपिक मुक्केबाजी में लैंगिक समानता आई है , जिसमें पेरिस में 124 पुरुष और 124 महिलाओं ने हिस्सा लिया. आईओसी के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने मंगलवार को कहा, ‘महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली सभी प्रतिभागी प्रतियोगिता पात्रता नियमों का पालन कर रही हैं.‘उनके पासपोर्ट में महिला लिखा है. आईओसी ने कहा कि उसने बॉक्सर्स की पात्रता के बारे में निर्णय जेंडर संबंधी नियमों के आधार पर लिया है, जो 2016 रियो डी जेनेरियो ओलंपिक में लागू थे. पिछले तीन सालों में कई खेलों ने अपने जेंडर संबंधी नियमों को को अपडेट किया है, जिसमें वर्ल्ड एक्वेटिक्स , वर्ल्ड एथलेटिक्स और इंटरनेशनल साइक्लिंग यूनियन शामिल हैं.