Tripura Assembly Polls : बीजेपी के बाद कांग्रेस ने जारी की 17 उम्मीदवारों की लिस्ट…देंखे लिस्ट

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त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. कांग्रेस ने पहले चरण में 17 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. सुदीप रॉय बर्मन को कांग्रेस ने फिर अगरतला से ही उतारा है. वहीं टाउन बार्दोवाली सीट से सीएम माणिक साहा को टक्कर देने के लिए आशीष कुमार साहा को ही टिकट दिया गया है.

बता दें कि कांग्रेस से पहले बीजेपी ने त्रिपुरा चुनाव के लिए 48 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी. मुख्यमंत्री माणिक साहा के टाउन बार्दोवाली सीट से ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया है, वो धनपत सीट से चुनाव लड़ेंगी.

18 जनवरी को हुआ था तारीखों का ऐलान

बता दें कि बीते 18 जनवरी को भारतीय निर्वाचन आयोग ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी. तीनों राज्यों में पिछली बार की तरह दो चरणों में चुनाव होंगे. त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होगा. तो वहीं, नगालैंड और मेघालय में एक साथ 27 फरवरी को वोटिंग होगी. तीनों राज्यों में 2 मार्च को नतीजे आएंगे.

फाइल फोटो

 

कौन हैं सुदीप रॉय बर्मन?

त्रिपुरा की सितायत में सुदीप रॉय बर्मन का अपना सियासी वर्चस्व है. सुदीप रॉय को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता समीर रंजन बर्मन त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. सुदीप ने अपना सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया था और अगरतला विधानसभा सीट को अपनी कर्मभूमि बनाई. इस सीट पर लेफ्ट तमाम कोशिशों के बाद भी सुदीप रॉय बर्मन को कभी मात नहीं दे सका था. वो 1998 से लगातार चुनाव से जीत दर्ज करते आ रहे हैं.

अगरतला विधानसभा क्षेत्र से सुदीप रॉय पहली बार 1998 में विधायक बने और कांग्रेस के टिकट पर चार चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद 2016 में उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का दामन थाम लिया. साल 2017 में सुदीप टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. 2018 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीतने में कामयाब रहे.

दरअअस, सुदीप रॉय को राजनीति भले ही अपने पिता से विरासत में मिली है, लेकिन सुदीप ने अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ बनाई है. वह त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी और त्रिपुरा प्रदेश युवा कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. इस तरह से त्रिपुरा के दूसरे इलाकों में भी उनका अपना सियासी आधार है. इसी का नतीजा था कि बीजेपी की 2018 में सरकार बनी तो सुदीप रॉय को स्वास्थ्य मंत्रालय जैसा भारी भरकम मंत्रालय दिया गया था.