Turkey Syria Earthquake: तुर्की-सीरिया भूकंप में 8300 से ज्यादा मौतें, 11 हजार इमारतें गिरीं, रेस्क्यू में 55 हजार बचावकर्मी जुटे

अंतरराष्ट्रीय

तुर्की में 3 महीने तक इमरजेंसी का ऐलान किया गया है. यहां सभी स्कूलों को 13 फरवरी तक बंद कर दिया गया. इतना ही नहीं सभी सरकारी इमारतों को शेल्टर होम बनाया गया है. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने बताया कि अब तक 70 देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठन मदद के लिए आगे आए हैं. उन्होंने कहा कि यह तुर्की ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी आपदा है. तुर्की में 10000 कंटेनर को शेल्टर बनाने की तैयारी की गई है.

तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप से अब तक 8300 लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की में 5,894 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि 34,810 लोग घायल हैं. वहीं सीरिया में 2100 लोगों की जान गई है. तुर्की और सीरिया में भूकंप से करीब 11000 इमारतें तबाह हो गई हैं. तुर्की में 8000 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. यहां 55000 से ज्यादा बचावकर्मी रेस्क्यू में जुटे हुए हैं.

भूकंप में तुर्की की ऐतिहासिक मस्जिद भी तबाह हो गई. तुर्की के मालाटया शहर में स्थित यह ऐतिहासिक येनी कैमी (Yeni Camii) मस्जिद खंडहर में तब्दील हो गई. यह मस्जिद 100 साल से अधिक पुरानी थी लेकिन भूकंप से यह तहस-नहस हो गई है. इससे 100 सालों का इतिहास जुड़ा हुआ है, जो अब मलबे में दब गया.

मेक्सिको के चर्चित रेस्क्यू डॉग तुर्की में मलबों में इंसानों की तलाश में मदद कर रहे हैं. मेक्सिको अपने ट्रेन्ड और विशेष खोजी कुत्तों के लिए जाना जाता है. उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेट के किनारे है, ऐसे में यहां भी भूकंप आता रहता है. मेक्सिको में अक्सर कुत्तों का इस्तेमाल रेस्क्यू अभियान में किया जाता है. 16 कुत्तों की टीम मेक्सिको से रेस्क्यू के लिए तुर्की पहुंची है.

तुर्की में बर्फबारी भी जारी है. ऐसे में यहां रेस्क्यू अभियान में काफी दिक्कत हो रही है. इतना ही नहीं खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर की भी लैंडिंग नहीं हो पा रही है. ऐसे में तमाम मदद प्रभावित इलाकों में सड़क के रास्तों से पहुंच रही है. भूकंप से तुर्की-सीरिया कॉरिडोर भी तबाह हो गया है. ऐसे में सड़क के रास्ते सीरिया तक मदद नहीं पहुंच पा रही है

WHO ने तुर्की और सीरिया में मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई है. WHO ने तुर्की और सीरिया में 20 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है. इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दोनों देशों में 2.3 करोड़ लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.