स्कूल में जुड़वा बच्चों का होना कोई नई बात नहीं. लेकिन मिजोरम के सरकारी स्कूल में 8 जोड़े जुड़वा बच्चे पढ़ते हैं. एक जैसी शक्ल, एक जैसी स्माइल. इनमें दो तो भाई बहन हैं. इनकी शक्ल तो मिलती ही है, लेकिन इन सभी की हरकतें भी एक जैसी ही हैं. इनमें समानता इतनी ज्यादा है कि स्कूल के टीचर और प्रिंसिपल भी हैरान रह जाते हैं. उन्हें समझ नहीं आता कि किस बच्चे को उन्होंने क्या निर्देश दिए हैं. कई बार किसी एक बच्चे की होम वर्क नहीं करने की सजा दूसरे को मिल जाती तो कभी सहारना किसी और को.
कहानी मिजोरम के सरकारी मॉडल इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल की है. जब एक लेडी टीचर ने एक बच्चे का होमवर्क चेक किया, तभी वह चौंक गई. क्योंकि सामने जो दूसरा बच्चा कॉपी लेकर खड़ा था, वह हूबहू पहले बच्चे की तरह नजर आ रहा था. यह देखकर टीचर असमंजस में आ गई. ऐसा सिर्फ इस महिला टीचर के साथ नहीं हुआ. स्कूल का सारा स्टाफ इस समस्या से जूझ रहा है. हेडमास्टर एच लालवेंटलुआंगा को जब ये बात पता चली तो उन्होंने छानबीन की. मामूल हुआ कि इस सरकारी स्कूल में एक दो नहीं बल्कि 8 जोड़े जुड़वा बच्चे पढ़ते मिले. इनमें 7 जोड़े तो भाई बहन हैं स्कूल के हेडमास्टर एच लालवेंटलुआंगा खुद भी जुड़वा बच्चों के पिता हैं. इनमें एक बेटा और दूसरी बेटी है. दोनों भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं. सबसे खास बात, इन बच्चों का एडमिशन किसी प्लानिंग के तहत नहीं हुआ है. सिर्फ ये संयोग है कि सभी बच्चों ने एक साथ यहां दाखिला लिया. यह इलाका ईसाई बाहुल्य है. इस स्कूल की क्षेत्र में अच्छी खासी पहचान है. हेडमास्टर इसे सुखद संयोग मानते हैं. बच्चों की देखभाल में स्टाफ कोई कमी नहीं रखता.