1.51 करोड़ के नोटों के श्रृंगार में सजे ‘उदयपुर चा राजा’, देर रात तक उमड़ा भक्तों का सैलाब

पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं, इसी बीच उदयपुर के उदयपुर चा राजा (भगवान गणेश) के नोटों के श्रृंगार ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. राजस्थान के लेकसिटी उदयपुर में गणेश महोत्सव का उल्लास चरम पर है. हर साल की तरह इस बार भी बापू बाजार स्थित श्री स्वास्तिक विनायक गणपति मंडल की ओर से ‘उदयपुर चा राजा’ की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई, जो शहरभर के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इस बार भी गणपति बप्पा का श्रृंगार सबसे खास रहा. मंगलवार रात गणेश जी को 1 करोड़ 51 लाख रुपए के नोटों की अनूठी आंगी (श्रृंगार) धराई गई. भगवान गणेश की 17 फीट ऊंची प्रतिमा को 50, 100, 200 और 500 रुपए के नोटों से सजाया गया. गणपति बप्पा के दरबार को भी भव्य रूप से सजाया गया है. इस विशेष श्रृंगार को बनाने के लिए मुंबई से आठ सदस्यीय विशेषज्ञ टीम पांच दिनों से लगातार काम कर रही थी. दरबार की सजावट को देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए. मंडल पिछले 24 सालों से गणपति महोत्सव मना रहा है और पिछले आठ वर्षों से नोटों की आंगी की परंपरा निभा रहा है. पहली बार 5 लाख 55 हजार 555 रुपए से यह शुरुआत हुई थी, जो धीरे-धीरे 7 लाख 77 हजार 777, 11 लाख 11 हजार 111 होते हुए इस साल 1.51 करोड़ तक पहुंच गई. मंडल कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह पूरी राशि 30 कार्यकर्ताओं द्वारा मिलकर एकत्रित की जाती है और आयोजन समाप्त होने के बाद उन्हें लौटा दी जाती है.

उदयपुर चा राजा की भव्यता इस बार पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है. श्रद्धालुओं का कहना है कि मुंबई के ‘लालबाग का राजा’ की तर्ज पर उदयपुर में ‘उदयपुर चा राजा’ गणपति बप्पा का श्रृंगार न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि सामाजिक एकजुटता और भक्ति की मिसाल भी है.

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