UGC होगा खत्म, अब हायर एजुकेशन कमीशन से रेगुलेट होंगे IIT-IIM-NIT! मानसून सत्र में आ सकता है विधेयक

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भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन की तैयारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के आने के बाद से ही शुरू हो गई थी. शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक मसौदा भी तैयार किया गया था. अब इससे जुड़े पूरे प्रस्ताव को लंबे राय-मशविरे के बाद अंतिम रूप दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि इससे जुड़े विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है

फिलहाल उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मौजूदा समय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) सहित करीब 14 नियामक काम करते हैं. इनमें शिक्षण, शिक्षा, कौशल विकास से जुड़ा शिक्षा परिषद, आर्किटेक्चर शिक्षा परिषद आदि शामिल हैं. मौजूदा सिस्टम में एक संस्थान में अलग-अलग कोर्सों को संचालित करने के लिए अभी इन सभी नियामकों के चक्कर लगाने पड़ते है. इन सभी के अपने अलग-अलग मानक भी होते हैं l

वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) और आईएनआई अपने स्वयं के अधिनियमों द्वारा शासित होते हैं और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय अभी भी अपने बजटीय अनुदान जारी करने के लिए यूजीसी पर निर्भर हैं, आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी वित्तीय मामलों पर सीधे मंत्रालय से निपटते हैं l

वर्तमान में एम्स, आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम सहित 160 संस्थान हैं जो अपनी स्वयं की परीक्षा आयोजित करने, डिग्री प्रदान करने और सरकारी धन प्राप्त करने के लिए सशक्त हैं. ये संस्थान अपने स्वयं के सीनेट/बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा शासित होते हैं लेकिन सरकार की भी कुछ भागीदारी होती है l

श‍िक्षा आयोग के बाद चार बॉडी में बंटेंगी जिम्मेदारी

उच्च श‍िक्षा आयोग के गठन के बाद चार स्वतंत्र संस्थाएं होंगी जो नियामक के तौर पर काम करेंगी. इसके बाद आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और आईआईएसईआर सहित राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) प्रस्तावित एकल उच्च शिक्षा नियामक, भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के दायरे में आ जाएंगे. ये उच्च श‍िक्षा को रेगुलेट करने के लिए हायर अथॉरिटी के तौर पर काम करेंगी

NHERC: इसमें पहली संस्था राष्ट्रीय उच्च शिक्षा विनियामक परिषद (NHERC) होगी. यह उच्च शिक्षा के लिए एक रेगुलेटर की तरह काम करेगा, जिसके दायरे में चिकित्सा एवं विधिक शिक्षा को छोड़ बाकी सभी उच्च शिक्षा शामिल होगी.
NAC: नैक दूसरी संस्था होगी. ये राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (NAC) सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने का काम करेगा.
HEGC: उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (HEGC) उच्च शिक्षण संस्थानों की फंडिंग की पूरी जिम्मेदारी लेगी. अभी उच्च शिक्षण संस्थानों की फंडिंग का काम यूजीसी के ही पास है.
GEC: ये सामान्य शिक्षा परिषद होगी जो नए-नए शिक्षा कार्यक्रमों को तैयार करने और उन्हें लागू करने का काम देखेगी.

कैसे काम करेगा…
आयोग पहले से मौजूद नियामक संस्थाओं, मुख्य रूप से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के प्रमुखों को शामिल करेगा.
इस अधिनियम के लागू होते ही 61 साल पुराने यूजीसी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.
आयोग उच्च शिक्षण संस्थानों को इस बात के लिये भी प्रोत्साहित करेगा कि वे शिक्षा, शिक्षण एवं शोध के क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों का विकास करें.
आयोग एक राष्ट्रीय डेटा बेस के माध्यम से ज्ञान के नये उभरते क्षेत्रों में हो रहे विकास और सभी क्षेत्रों में उच्च शिक्षा संस्थानों के संतुलित विकास विशेषकर के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने से संबंधित सभी मामलों की निगरानी करेगा l