केंद्रीय गृह मंत्री शाह बोले- कश्मीर में आतंक को पाताल में दफन करेंगे…

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में जनसभा की। शाह ने कहा कि मैं हैरान हूं कि सत्ता का लालच क्या-क्या कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘जिस कांग्रेस पार्टी ने इस अब्दुल्ला परिवार को देशद्रोही कहा, आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया और उमर अब्दुल्ला के दादा को सालों तक जेल में रखा। आज मोदी जी के सामने जीतने के लिए राहुल और उमर अब्दुल्ला ILU-ILU कर रहे हैं।’ शाह ने कहा कि उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि अफजल गुरु को फांसी नहीं देनी चाहिए। यही बताता है कि राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला की सरकार बनी तो क्या होगा? शाह ने कहा कि मैं आज यहां कहता हूं जिनके मंसूबे जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के हैं। उनके पास अभी भी समय है। वे वापस चले जाएं, नहीं तो भारतीय सेना और सुरक्षा बल यहां तैनात है। यहीं पर ठिकाने लगा दिए जाओगे। शाह ने कहा कि मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत किया। मैं पूछना चाहता हूं फारूक अब्दुल्ला से कि आपकी तीन पुश्तों ने राज किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कभी मिला ​था? किश्तवाड़ में शाह की दूसरी रैली थी। इसके पहले उन्होंने आज ही पाड्डर के नागसेनी में जनसभा की थी। शाह की तीसरी रैली रामबन में होगी। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को विधानसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग होगी। ऐसे में यह पहले फेज के लिए चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहली जनसभा पाड्डर के नागसेनी में की थी। उन्होंने यहां कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन आतंकवाद का पोषक रहा है। घाटी में जब-जब NC-कांग्रेस की सरकार आई, तब-तब यहां आतंकवाद को बढ़ावा मिला है।

शाह ने कहा कि दोनों पार्टियां कहती हैं कि उनकी सरकार आई तो अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करेंगे। क्या अनुच्छेद 370 वापस होना चाहिए? अनुच्छेद 370 अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है। भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 के लिए कोई जगह नहीं है। कश्मीर में कभी भी दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे नहीं हो सकते। वहां केवल एक झंडा होगा और वह हमारा तिरंगा है।