मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के कमला राजा अस्पताल में एक महिला ने ‘चार’ पैरों वाली एक अनोखी बच्ची को जन्म दिया है। डॉक्टरों ने बताया कि नवजात बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। चार पैरों वाली बच्ची के जन्म की खबर के बाद लोग इसे देखने के लिए अस्पताल में पहुंच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सिकंदर कंपू मोहल्ले की आरती कुशवाहा ने बुधवार को कमला राजा अस्पताल के महिला एवं बाल रोग विभाग में इस चार पैर वाली बच्ची को जन्म दिया। बच्ची का वजन 2.3 किग्रा है।
इस अनोखी बच्ची के जन्म के बाद बाल एवं शिशु रोग विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावा अन्य डॉक्टरों की टीम ने जेएच अस्पताल समूह के अधीक्षक के साथ बच्ची की जांच की।
जया रोग्य अस्पताल समूह के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों ने पाया है कि बच्ची के जन्म के दौरान उसमें शारीरिक विकृति है और कुछ भ्रूण अतिरिक्त बन गया है, जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में इशियोपेगस कहा जाता है जिसमें कि शरीर के नीचे के भाग का अतिरिक्त विकास हो जाता है। इसे दुर्लभ यानी हजारों केसों में किसी एक में इस तरह के लक्षण होने की बात सामने आती है। बच्ची फिलहाल कमला राजा अस्पताल के बाल व शिशु रोग विभाग के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में भर्ती है, जिस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से उसके अतिरिक्त दो पैर निकालने की बात कह रहे हैं।
डॉ. धाकड़ ने कहा कि अभी बाल रोग विभाग के डॉक्टर इसकी जांच कर रहे हैं कि कहीं शरीर के किसी हिस्से में कोई अन्य विकृति तो नहीं है। जांच के बाद अगर वह स्वस्थ है तो सर्जरी के जरिए उन पैरों को हटा दिया जाएगा, ताकि वह सामान्य जीवन जी सके। फिलहाल बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है।
मार्च में हुआ था दो सिर, तीन हाथ और दो पैरों वाले बच्चे का जन्म
इससे पहले इसी साल मार्च में मध्य प्रदेश के रतलाम में एक महिला ने दो सिर, तीन हाथ और दो पैरों वाले बच्चे को जन्म दिया था। तब उस बच्चे का इलाज करने वाले डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया था कि दंपति की यह पहली संतान है, इससे पहले सोनोग्राफी रिपोर्ट में पता चला था कि दो बच्चे हैं। यह एक दुर्लभ मामला है, इसका जीवन बहुत लंबा नहीं होगा।
उन्होंने कहा था बच्चे का वजन लगभग 3 किलो है, उसकी दो रीढ़ की हड्डी और एक पेट है। यह एक बहुत ही जटिल स्थिति है। बच्चे को डाइसेफेलिक पैरापैगस नामक स्थिति है।