अमेरीका मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार तहव्वुर हुसैन राणा को भारत भेजने के लिए राजी हो गया है व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद अमेरिका राष्ट्रपित डोनॉल्ड ट्रंप ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि अमेरिका प्रशासन ने साल 2008 के मुंबई हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को भारत में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए मंजूरी दे दी है. पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा फिलहाल लॉस एंजिलिस के एक मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है. माना जाता है कि वह मुंबई के 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है.
अमेरिका की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘‘आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे इंसानों में से एक और मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है. इसलिए, वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है.’’
जनवरी 2025 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका खारिज कर दी और उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी. भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह राणा के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘‘अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने 21 जनवरी को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. हम अब मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी को शीघ्र भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रक्रियागत मुद्दों पर अमेरिका के साथ काम कर रहे हैं.’’
पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों के एक समूह ने 26 नवंबर 2008 को अरब सागर के रास्ते मुंबई में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया. लगभग 60 घंटे तक जारी रहे इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और यहां तक कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति भी बन गई थी. नवंबर 2012 में पाकिस्तान आतंकवादी समूह के एकमात्र जीवित आतंकी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था. भारत इस नृशंस हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है, लेकिन हमले के आरोपियों के खिलाफ अब तक मुकदमे की कार्रवाई बहुत आगे नहीं बढ़ पाई है