Uttarakhand : 47 प्रजातियों के करीब 5 हजार साइबेरियन पक्षी पहुंचे, देखने के लिए उमड़ी पर्यटकों की भीड़

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देश का पहला कंजर्वेशन रिजर्व और उत्तराखंड की पहली रामसर साइट आसान वेटलैंड इन दिनों विदेशी मेहमानों से गुलजार है. ये खास मेहमान हैं दूसरों देशों से आए विदेशी पक्षी हैं, जिन्हें साइबेरियन बर्ड्स भी कहा जाता है. सर्द मौसम में हजारों की संख्या में आसान झील की रौनक बने ये रंग-बिरंगे विदेशी साइबेरियन मेहमान आसन वेटलैंड की नम भूमि में अठखेलियां करते हैं. इन विदेशी मेहमानों को देखने के लिए जहां एक तरफ अब आसान झील में पक्षी प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ इन विदेशी परिंदों की देखरेख में लगा वन विभाग का अमला चौकसी बरतने का दावा कर रहा है, ताकि कोई शिकारी इन परिंदों को कैद न कर ले.

आसन वेटलैंड में विदेशी पक्षियों की आमद से लेकर सुरक्षित रवानगी तक का जिम्मा वन विभाग ने उठाया है. इन नायाब परिंदों की सुरक्षा के लिए झील की निगरानी में चकराता वन प्रभाग से वन दरोगा प्रदीप सक्सेना तैनात हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इन विदेशी पक्षियों की देख-रेख के लिए टीमें गठित की गई हैं, जो दिन-रात गश्तकर पक्षियों की निगरानी में लगी हैं.

मौसम खुश्क होते ही मार्च के अंतिम सप्ताह तक ये पक्षी वापस अपने देशों का रूख कर लेते हैं. आसन वेटलैंड में हर साल ठंड की दस्तक के साथ चीन, लद्दाख, साइबेरिया जैसे देशों से ये परिंदे मीलों का सफर तय कर उत्तराखंड पहुंचते हैं. हर साल आसन पहुंचने वाले इन विदेशी पक्षियों को देखने के लिए पक्षी प्रेमियों समेत पर्यटक बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं.

पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र सुर्खाब रहता है. इन साइबेरियन पक्षियों की जल क्रीड़ा और तरह तरह की अठखेलियों का लुत्फ उठाते हुए पर्यटक इन पलों को अपने कैमरे में कैद कर लेते हैं. इसके अलावा इस झील की नम भूमि में कॉमन कूट, पलास इगल, रूडी शेलडक, बार हेडेड गूज, नार्दन पिनटेल्स, ग्रीन बिंग टेल, समेत 47 प्रजातियों के पक्षी पहुंचे हैं, जिनकी संख्या वर्तमान में करीब पांच हजार बताई जा रही है.