उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में ई-रिक्शा चालक तो बहुत हैं. लेकिन आपने महिला ई-रिक्शा चालक के बारे में बहुत ही कम सुना होगा. लेकिन वक्त और हालात इंसान से सब कुछ करा देता है. ऐसी ही एक किस्सा नजमा का है, जो मुरादाबाद की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाती हैं. ताकी वो पैसे जोड़कर आगे जाकर हज और उमरा कर सकें.
दरअसल, नजमा के पति की साल 2010 में मौत हो गई थी. पैसों का कोई जरिया नहीं था क्योंकि पति ही घर का खर्च चलाता था. बेटा भी वेल्डिंग का काम करता है. उसकी भी कमाई इतनी नहीं है. इसलिए नजमा ने ई-रिक्शा चलाकर पैसे जोड़ने का सोचा. नजमा चाहती हैं कि वो हज और उमरा कर सकें. इसके लिए उन्हें रुपयों की जरूरत है.
नजमा ने बताया कि वो दिन हो या रात कभी भी ई-रिक्शा चला लेती हैं. रात को भी रिक्शा चलाने में उन्हें कोई डर नहीं लगता. क्योंकि उन्हें यूपी की पुलिस और योगी सरकार पर पूरा भरोसा है. नजमा ने कहा कि योगी राज में उन्हें रात को भी रिक्शा चलाने में डर नहीं लगता. पुलिस वाले भी हमेशा उनकी मदद करते हैं
ई-रिक्शा चालक नजमा ने बताया कि वो बुर्का पहनकर रिक्शा चलाती हैं. उनकी दिली तमन्ना है कि वो हज करें उमरा करें. लेकिन उसके लिए काफी पैसों की जरूरत है. पैसा वो भी मेहनत का होना चाहिए. सिलाई के काम से इतनी इनकम नहीं थी. इसलिए रिक्शा चलाना शुरू किया. अब वो धीरे-धीरे करके रुपये जुटा रही हैं. उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी इच्छा जरूर पूरी होगी.
नजमा ने बताया कि मेरा बेटा प्रतिदिन 400 से 500 रुपए कमाता है लेकिन खर्चे ज्यादा हैं. मैं पिछले 4 महीने से ई-रिक्शा चला रही हूं. प्रतिदिन 400 रुपए कमा लेती हूं. अब दोनों की कमाई मिलाकर गुजारा भी ही जाता है और कुछ रुपये जोड़ भी लेती हूं. जब बजट बनेगा तो उमरा और हज यात्रा करके आऊंगी. क्योंकि उमरा करने में 82 हजार खर्चे में आ रहे हैं और हज करने में 2.5 लाख. तो पहले उमरा करूंगी और अगर अल्लाह ने उम्र लंबी दी तो हज करने जाऊंगी. में इसीलिए 1 साल के अंदर ही अंदर 82 हजार जोड़ना चाहती हूं.