रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि देश में अलग-अलग रूटों पर 136 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। इनमें से 62 अकेले 2024 में शुरू की गईं। भारतीय रेलवे ने 2024 के दौरान 3,210 किमी रेल ट्रैक इलेक्ट्रिफाई किया है। इसके साथ-साथ रेलवे विद्युतीकरण के ब्रॉडगेज नेटवर्क को 97% तक बढ़ाया गया है। रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए चल रही ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत 1337 स्टेशनों को चुना गया है। इनमें से 1198 रेलवे स्टेशनों पर काम शुरू हो गया है। भारतीय रेलवे ने 2030 तक नेट जीरो कार्बन एमिटर बनने का लक्ष्य रखा है। नवंबर तक लगभग 487 मेगावाट सौर संयंत्र (छत और जमीन पर लगे) और लगभग 103 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र चालू कर दिए हैं। 2024-25 में भारतीय रेलवे के लिए कुल पूंजीगत व्यय 2,65,200 करोड़ रुपए है, जो बजट में आवंटित सबसे ज्यादा अमाउंट है। रिजर्वेशन में ई-टिकटिंग 86% तक पहुंच गई है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए देश भर में ‘गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) विकसित किए जा रहे हैं। अब तक 354 स्थानों (गैर-रेलवे भूमि पर 327 और रेलवे भूमि पर 27) की पहचान की गई है। अक्टूबर तक ऐसे 91 टर्मिनल चालू हो चुके हैं।
इसके तहत ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, हाई ट्रैफिक डेन्सिटी रूट और रेल सागर कॉरिडोर के शुरुआत की मंजूरी दी गई है। इन तीन गलियारों के तहत कार्यान्वयन के लिए कुल 434 प्रोजेक्ट की प्लानिंग है। 2024 में तीन इकोनॉमिक कॉरिडोर के कुल 434 प्रोजेक्ट्स में से 58 को मंजूरी दी गई। ये प्रोजेक्ट 88,875 करोड़ रुपए के हैं। इनके कुल ट्रैक लंबाई लगभग 4107 किमी है।