कुछ हफ्तों के दौरान लहसुन के दाम में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिस कारण लोगों का मंथली बजट बिगड़ा है. लहसुन के दाम में तेज बढ़ोतरी के कारण खुदरा बाजार में इसकी कीमत 300 रुपये से 400 रुपये किलो हो चुकी है, जो कि थोक बाजार में इसकी कीमत 150/250 रुपये प्रति किलो है.
लहसुन के अलावा चावल और दाल की कीमत में भी बढ़ोतरी देखी गई है, जिसने महंगाई को और बढ़ा दिया है. वहीं बीते दिनों प्याज के दाम भी लोगों को रूला रहे थे, लेकिन अभी प्याज की कीमत कम हुई है. खाद्य पदार्थो के दाम में बढ़ोतरी को लेकर कुछ रिपोर्ट का कहना है कि कटाई के मौसम देरी के कारण खरीफ फसल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है और अभी और बढ़ने की संभावना है.
बेमौसम बारिश ने लहसुन और प्याज सप्लाई करने वाले क्षेत्रों को प्रभावित किया है. महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश के साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है. इसके अलावा फसल की कटाई में भी देरी हुई है. समय से नई फसल बाजार में नहीं पहुंचने के कारण लहसुन की आपूर्ति कम हो गई है, जिस कारण इसके दाम बढ़ रहे हैं और अभी आगे भी बढ़ने की संभावना है
बाजार में अभी तक लहसुन की आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है. ऐसे में कुछ व्यापारियों का कहना है कि जनवरी के अंत तक खुदरा कीमतें 250-350 रुपये प्रति किलो के आसपास रहने की संभावना है. बाजार में नई फसल आने के बाद ही लहसुन की कीमतों में सुधार होने की संभावना है. अगर आपूर्ति जल्द पूरी नहीं होती है तो ये कीमत मार्च तक ऊंचे रह सकती हैं.