‘कुलदेवी की नाराजगी से 3 मौतें’ गांववालों का दावा, डॉक्टर ने उल्टी-दस्त को बताया वजह

राष्ट्रीय

सतना जिले के रामपुर बघेलान ब्लॉक के टिकुरिया गांव में अंधविश्वास ने 3 जिन्दगियां छीन लीं. दरअसल, 4 दिन में उल्टी-दस्त और बुखार से पीडि़त 3 लोगों की मौत हो गई. लेकिन गांववालों का कहना है कि यह दैवीय प्रकोप है. यही वजह है कि मरीजों को अस्पताल ले जाने में लेट लतीफी की गई.

स्वास्थ्य विभाग इन दो अन्य मौतों को स्वभाविक बता है. जिन 8 पीड़ितों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है, उनमें सतीश कोल, अमित कोल, दुर्गा कोल, रागनी कोल और मोहन कोल निवासी टिकुरिया के नाम शामिल हैं.

मृतकों में 10 साल, 45 साल और 90 साल का एक बुजुर्ग शामिल है. राजा को बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत पर 6 सितंबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसे 7 सितंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया. उसी दिन गांव में उसकी मौत हो गई. जबकि मासूम राज कोल ने रविवार को अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. इसी तरह 90 वर्ष के बुजुर्ग भी चल बसे.

आदिवासियों का मानना है कि गांव की कुलदेवी खेर माता के स्थान पर गंदगी है जिसकी वजह से कुल देवी नाराज हो गईं और उनका कहर टूटा है. घटना के बाद से ही खेरमाता के चबूतरे की साफ-सफाई की गई. एक ग्रामीण ने पूरे चबूतरे का रंग रोगन किया.

हैंडपंप के पानी के उपयोग पर रोक

सूचना पर रामपुर बघेलान और जिला मुख्यालय की मेडिकल टीम टिकुरिया भेजी गई थीं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, लगभग 60 घरों की आदिवासी बस्ती में पेयजल के लिए 9 हैंडपंप हैं. सब एक ही हैंडपंप का पानी पीते हैं. पानी दूषित होने की आशंका पर गांव के 6 हैंडपंप के पानी के उपयोग पर रोक लगा दी गई है. पंप के शुद्धीकरण के लिए पीएचई विभाग को जानकारी दी गई है. गांव में सभी लोगों को क्लोरीन की गोलियां मुहैया कराकर शुद्ध पानी पीने के निर्देश दिए गए हैं.

पानी और स्टूल के सेंपलिंग के निर्देश

गांव में डायरिया के नए केस मिलने पर स्टूल सेंपल की जांच कराई जाएगी. वहीं, पानी का सैम्पल जांच के लिए रीवा भेजे गए हैं. मेडिकल टीम ने गांव में अन्य बीमारियों से पीड़ित 55 लोगों की स्क्रीनिंग कर दवाइयां मुहैया कराईं. एहतियात के तौर पर एक मेडिकल टीम गांव में तैनात की गई है. मेडिकल टीम में डॉ. आरके सतनामी, डॉ. कुनाल तिवारी, आशुतोष पयासी, अभिषेक सिंह के साथ पैरामेडिकल स्टाफ शामिल रहा.

कम्युनिटी हेल्थ अधिकारी श्रद्धा कुशवाहा ने बताया, गांव में लोगों को उल्टी और दस्त शुरू होने की जानकारी लगी वैसे ही सारे अधिकारी पहुंच गए. मेडिकल टीम ने सभी को दवाइयां दीं. सभी को बचाया गया. रेफर किया गया. यहां पर 3 लोगों की मौत हो गई. एक 90 साल के थे… एक 47 और एक बच्चा था जिसकी 10 वर्ष उम्र थी. बीमारी का कारण दूषित पानी… दूषित खाना लगता है. 55 लोगों की स्क्रीनिंग की गई. इन्हें दवाइयां भी दी गई हैं. सारे गांव में भ्रमण भी किया गया. 6 बच्चों को मैंने रेफर किया था. 7 दिन के लिए यहां निगरानी के लिए हम लोग उपस्थित हैं.

गांव के शिवलाल कोल ने बताया कि भूत बाधा थी. बीमार लोगों को हॉस्पिटल भी भेजा गया. वहां पर जब नहीं समझ में आया तो हमने यहां पर पूजा-पाठ शुरू किया. सबने कहा कि दैवीय प्रकोप है, इसलिए पूजा की गई. अगर इधर से खराबी है तो आगे के लिए भी तैयार रहें. कुलदेवी नाराज हैं. कुछ लोग यहां गंदगी कर देते हैं तो नाराजगी तो होना है.

पीड़ित परिवार के सदस्य हीरालाल मवासी ने कहा, मेरा एक बड़ा भाई पहले खत्म हुआ. फिर मेरा बच्चा खत्म हुआ. एक मेरा चाचा खत्म हुआ. उन्हें बीमारी वगैरह कुछ नहीं थी. देवी-देवताओं को नाराज होना था तो हमारे ऊपर नाराज हों. बच्चों पर क्यों होते हैं. हर तरह से हमने उनकी सेवा की है. फिर कहर जारी है.