उत्तर प्रदेश के देवरिया में नीलगाय के बछड़े ने ग्रामीणों का रहना मुश्किल कर दिया है. गांव वाले परेशान हैं और इसे पकड़वाने के लिए वन विभाग और राजस्व विभाग के चक्कर लगा रहे है. लेकिन अब तक उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो सकी है.
इस पर बरहज के SDM गजेंद्र सिंह का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही वन विभाग से सामंजस्य बैठाकर नीलगाय को पकड़ कर उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
ग्रामीणों का कहना है कि करीब तीन साल पहले झुंड से बिछड़ी एक मादा नीलगाय गांव में बच्चे को जन्म देकर चली गई थी. इसके बाद उसके बच्चे को गांव वालों ने पाला और खिला पिलाकर बड़ा किया. अब वह गांव में इतना उत्पात मचाने लगा है कि लोग दहशत में हैं. नीलगाय का यह बछ़ड़ा गांव में अब तक कई लोगों को जख्मी कर चुका है. पिछले 6 माह से किसान अपने खेत में काम तक नहीं कर पा रहे हैं.
इलाके के कई गांव जैसे बरांव, चकिया, मनियापार, मझवा, समोगर के लोग नीलगाय की वजह से दहशत में है. कोल्हुआ के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विनय प्रकाश पांडेय ने बताया कि मनियापार गांव के रहने वाले शिव प्रसाद अक्सर बीमार रहते थे पर कुछ महीने पहले नीलगाय के हमले ऐसे घायल हुए कि वह ठीक नहीं हो पा रहे हैं. वह अब तक कई डॉक्टरों को दिखा चुके हैं.
इस संबंध में बरहज के फारेस्ट रेंजर रविन्द्र सिंह ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. नीलगाय ने कई लोगों को हमला कर घायल कर दिया है. इस समस्या से निजात पाने के लिए दो रास्ते हैं, पहला DFO के स्तर से लेटर जारी होगा. जिस पर बीडीओ, तहसीलदार और रेंजर इसकी जांच करेंगे उसके बाद गांव के ही एक लाइसेंसी असलहाधारी को नीलगाय को गोली मारने का परमिट दिया जाएगा. दूसरा यह कि पशु चिकित्सा विभाग से सामंजस्य नीलगाय को बेहोश करने के बाद जंगल क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा.