छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों ने पहली बार देखा तिरंगा

क्षेत्रीय

देश अपनी आजादी के 75 साल का जश्न मनाने जा रहा है। अमृत महोत्सव की धूम मची है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में ऐसे भी इलाके हैं, जहां के लोगों ने आज तक तिरंगा देखा ही नहीं है। ये इलाके बस्तर के नक्सलगढ़ कहे जाते हैं। यहां पर नक्सलियों की ही चलती है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर पाबंदी है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या राष्ट्रीय पर्व पर यहां काले झंडे फहराए जाते हैं। इन इलाकों में CRPF जवान हर घर तिरंगा की मुहिम के साथ दाखिल हुए हैं। पहली बार ग्रामीणों को तिरंगा देकर इसका, आजादी और शहीदों का महत्व बत रहे हैं।

दरअसल, यह पहला मौका है जब नक्सलगढ़ के गांवों के हर एक ग्रामीणों के हाथ और घरों में राष्ट्र ध्वज होगा। CRPF की 230 बटालियन के कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल, डिप्टी कमांडेंट बलराम और इस बटालियन के जवान ऐसे इलाकों में पहुंचे जहां के कई ग्रामीणों ने अब तक तिरंगा देखा ही नहीं। उनके हाथ में राष्ट्रध्वज दिया जा रहा है। नक्सलगढ़ में भारत माता की जय जयकार लग रही है। देशभक्ति की भावना जागृत की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि हमारे लिए यह बहुत ही खास मौका है। हम अपने घरों में तिरंगा फहराएंगे।