बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन और हिंसक हो गया है। इसमें रविवार को 98 लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करने सड़कों पर उतर आए थे। पुलिस के साथ उनकी झड़पें हुईं। रविवार को 98 मौत के साथ ही 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बीते तीन हफ्तों में यहां हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। 3 दिनों की छुट्टियां कर दी गई हैं। इंटरनेट पूरी तरह बंद कर दिया गया है। ट्रेनें अगले आदेश तक रोक दी गई हैं। 3500 से ज्यादा कपड़ा फैक्ट्रियों में भी ताला लग गया है। कोर्ट भी बंद कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि बंदी के दौरान बहुत जरूरी मामलों में ही सुनवाई की जाएगी। इसके लिए चीफ जस्टिस इमरजेंसी बेंच का गठन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने ‘मार्च टु ढाका’ की योजना बनाई है। उन्होंने आम जनता से सोमवार को ढाका लॉन्ग मार्च में शामिल होने की अपील की है। इसके लिए सुबह 10 बजे के बाद कई छात्र ढाका सेंट्रल शहीद मीनार पर इकठ्ठा हुए। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़े। इस बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान देश को संबोधित करेंगे। उन्होंने तब तक प्रदर्शनकारियों से शांति बनाने की अपील की है।
बांग्लादेश में हिंसा: अब तक हुई 98 लोगों की मौत, भारतीयों से सावधानी बरतने की अपीलhttps://t.co/5LFfRLvomC#BangladeshViolence
— NewsBytes हिन्दी (@NewsbytesHindi) August 5, 2024