बांग्लादेश में फिलहाल माहौल अशांत है। यहां सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, पुलिस भी जवाबी कार्रवाई कर रही है। हालात किस कदर बेकाबू हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में मंगलवार को तीन विद्यार्थियों सहित कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा अन्य लोग घायल हो गए। बिगड़े हालातों को देखते हुए ढाका में भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश में रहे रहे अपने नागरिकों और छात्रों के लिए एक तत्काल एडवाइजरी जारी की। इसमें देश में बढ़ती अशांति के वजह से गैर जरूरी यात्रा से बचने और अपने घरों से बाहर कम से कम निकलने की सलाह दी है। यह सलाह बांग्लादेशी सरकार द्वारा सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को बंद करने के फैसले और ढाका में छात्रों तथा पुलिस के बीच हाल ही में हुई हिंसक झड़पों को देखते हुए दी गई है। बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में छात्र सरकारी नौकरियों में लागू कोटा प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था सरकारी सेवाओं में मेधावी छात्रों के नामांकन को काफी हद तक रोक रही है। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने फर्स्ट और सेकंड क्लास की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए चल रहे विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है। छात्रों की मांग है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं।
बांग्लादेश में हालात और गंभीर हुए, ढाक समेत कई इलाकों में हिंसा भड़की#Bangladesh | @karunashankar @anjali_speak pic.twitter.com/eEP1jylUMK
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) July 19, 2024
हालांकि, देखा जाए तो छात्र जिस आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की मांग कर रहे हैं वह मौजूदा समय में है ही नहीं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों और पौत्र-पौत्रियों के लिए 30 फीसदी आरक्षण लागू करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई हुई है। ढाका के विभिन्न स्थानों पर गुरुवार को छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए। बीआरएसी विश्वविद्यालय के पास मेरुल बड्डा में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया और पुलिस से भीड़ गए। इस भड़की हिंसा में कई घायल हो गए। ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार सुबह तक पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे इलाके में यातायात बाधित हो गया।