बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर मंदिर में हिंसा का मामला सामने आया है. भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित इलाके और जमात-ए-इस्लामी के गढ़ मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हमला किया गया और भगवत गीता को जला दिया गया. इसके साथ ही मंदिर में रखा हारमोनियम तोड़ दिया गया. भीड़ ने मंदिर के गर्भ गृह में लूटपाट और आगजनी भी की. मंदिर के इंचार्ज प्रभु जी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के ऊपर आक्रमण हुआ है. पांच तारीख के पहले लगभग साढ़े पांच बजे भीड़ का हमला हुआ. वो लोग साथ में पेट्रोल बम और विस्फोटक लेकर आए थे. हम उस वक्त मंदिर में 16 लोग थे. यहां पर मौजूद गहनों, प्राचीन ग्रंथों के साथ सारी चीजों को जला दिया गया. मंदिर बनाने के लिए जो डोनेशन मिला था, लगभग दस लाख टका (करीब साढ़े 6 लाख रुपए) लूट लिया गया. मंदिर की संपत्ति में रखी मोटरसाइकिल भी जला दी गई. इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमारे पास दो सौ साल से पुराने ग्रंथ थे, वो भी जला दिया. इसी जगह पर हम जगन्नाथ जी की सेवा करते थे, वो भी लूटकर ले गए. मंदिर में अचानक भीड़ आई और मंदिर पर हमला कर दिया. मंदिर में रखे हुए सारे सामान और धार्मिक किताबें जलकर राख हो गई हैं. फॉलोवर्स मौके पर आ रहे हैं और बची किताबों को बचाकर रख रहे हैं. वहीं बांग्लादेश के मुसलमान के मन में भी आशंका है कि लोकतंत्र से चलने वाला उनका देश कट्टरपंथियों के दबाव में बांग्ला बोलने वाले देश की पहचान एक इस्लामिक देश ना बन जाए. ढाका के रहने वाले इस्लाम मोहम्मद ने आजतक से बातचीत करते हुए बताया कि बांग्लादेश की पहचान बांग्ला लोगों की है, जहां हिंदू और मुसलमान साथ हैं, लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि यहां इस्लामिक देश जैसी व्यवस्था हो जाए लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. नियाज भी ढाका में कारोबार चलाते हैं और उन्हें भी लगता है कुछ कट्टरपंथियों की वजह से बांग्लादेश की छवि खराब हुई है, जिन्होंने आंदोलन की आड़ में हिंदुओं पर हमले किए और उन्हें निशाना बनाया. नियाज कहते हैं की बहुत सारे हिंदू हमारे साथ रहते हैं और इस मुश्किल में हम उनकी हिफाजत भी कर रहे हैं और जिन लोगों ने उनके साथ बुरा किया वह हमारे बीच के लोग नही हैं. ढाका के वीआईपी इलाके में राष्ट्रपति भवन से महज कुछ दूर ही बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के हेडक्वार्टर को भी प्रदर्शनकारियों ने 5 अगस्त को सबसे पहले निशाना बनाया था.
