विष्णु शंकर जैन बोले….कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई…

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सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन इन दिनों चर्चाओं में बने हुए हैं. दरअसल उन्होंने संभल जामा मस्जिद के हिंदू मंदिर होने का दावा किया है और वह हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में गए हैं. विष्णु शंकर जैन इससे पहले अयोध्या, ज्ञानवापी मामलों में भी खासा एक्टिव रह चुके हैं. विष्णु शंकर जैन ने कहा, रिसर्च और तर्क को साइडलाइन किया जा रहा है. हम कहां खुदाई करवा रहे है? ASI ने क्या ज्ञानवापी में खुदाई की? ASI ने बिना खुदाई के बता दिया कि यहां पहले मंदिर था. भोजशाला में भी ASI ने खुदाई नहीं की. बिना खुदाई के ही ASI ने बता दिया कि यहां पहले मंदिर था विष्णु शंकर जैन ने कहा आगे कहा, ये जो बोल रहे हैं कि खुदाई हुई तो बताएं कि कहां खुदाई हुई? क्या खुदाई को लेकर कोर्ट ने कोई आदेश दिया? हमें दिखाया जाए कि कहां कोर्ट ने खुदाई का आदेश दिया है.

विष्णु शंकर जैन ने बताया, एडवोकेट सर्वे सिर्फ ये देखा जाता है कि कौन सी चीजे कहां पर हैं और वीडियोग्राफी की जाती है. इसके साथ ही वस्तुस्थिती देखकर उसकी रिपोर्ट बनाकर कोर्ट को दे दी जाती है. दूसरे स्तर के सर्वे में वैज्ञानिक पहलू से जांच की जाती है. इस सर्वे में ASI की टीम जाती है और रडार-जीपीएस जैसी तकनीकि से सर्वे किया जाता है. इस दौरान इमारत में एक खरोच भी नहीं लगती. इसके बाद ASI अपनी रिपोर्ट पेश करती है. इस पूरी प्रकिया में खुदाई कहां हो रही है? विष्णु शंकर जैन ने कहा, हम कोई केस नहीं हारे. ज्ञानवापी-राममंदिर और भोजशाला केस में ASI ने रिपोर्ट दी कि वहां मंदिर हैं. हजारों मंदिर तोड़े गए हैं ये सच है. इतिहास में दर्ज है.

कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई कुव्वत-उल-इस्लाम मस्ज़िद पर दावा करने वाली याचिका पर साकेत जिला अदालत ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. जिला कोर्ट ने सिविल जज के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर ये नोटिस जारी किया है. सिविल जज ने याचिका खारिज कर दी थी. ADJ पूजा तलवार ने इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन की दलीलें सुनने के बाद केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक और दिल्ली सर्कल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका भगवान विष्णु और जैन देवी देवताओं की ओर से दाखिल की गई है जिनके मंदिर तोड़े गए थे. इस मामले में जैन देवी देवताओं और भगवान विष्णु के वकील विष्णु शंकर जैन ने दलील दी कि इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि मंदिरों को ध्वस्त किया गया था.लिहाजा इसको साबित करने की जरूरत नहीं है. पिछले 800 से ज्यादा सालों से हम पीड़ित हैं, अब पूजा का अधिकार मांग रहे हैं, जो कि हमारा मूल अधिकार है.ASI एक्ट 1958 को धारा 18 के मुताबिक संरक्षित स्मारकों में भी उपासना पूजा का अधिकार दिया जा सकता है