राष्ट्रमंडल खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं : किदांबी श्रीकांत

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पिछली बार गोल्ड कोस्ट में रजत पदक जीतने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत बर्मिंघम में गुरुवार से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। अब अधिक परिपक्व और अनुभवी श्रीकांत ने कहा कि जब भी वह कोर्ट पर उतरते हैं तो बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं।

श्रीकांत ने पीटीआई से कहा, ‘‘ अब मैं अधिक अनुभवी और परिपक्व हो गया हूं। मैं हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता हूं। मैं राष्ट्रमंडल खेल 2018 में बहुत अच्छी स्थिति में था और मैं बर्मिंघम में अच्छे प्रदर्शन के प्रति आश्वस्त हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं राष्ट्रमंडल खेलों को एशियाई खेलों या विश्व चैंपियनशिप के बराबर मानता हूं। यह ऐसी प्रतियोगिता है जो हर चार साल में होती है और हमें देश के लिए पदक जीतने का मौका मिलता है। मैंने पिछले साल अच्छा प्रदर्शन किया था तथा मैं हमेशा अपनी गलतियों से सीखने और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं।’’

श्रीकांत ने कहा, ‘‘ मैं खुद की तुलना 2018 के अपने प्रदर्शन से नहीं कर सकता हूं। यदि मुझे बर्मिंघम में अच्छा प्रदर्शन करना है तो प्रत्येक दिन अपना बेहतर खेल दिखाना होगा।’’

राष्ट्रमंडल खेल 2018 के बाद श्रीकांत को घुटने की चोट से जूझना पड़ा जिसका असर उनके खेल पर भी देखने को मिला। इससे उनकी रैंकिंग पर भी असर पड़ा लेकिन कोविड-19 के कारण विश्राम के दिनों में उन्होंने अपनी फिटनेस पर ध्यान दिया। इसके बाद वापसी करने पर उन्होंने बेहतर परिणाम हासिल किए लेकिन तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे।

श्रीकांत ने कहा, ‘‘ कोविड-19 के कारण मैंने दो साल गंवाए क्योंकि 2020-21 में कुछ खास प्रतियोगिताएं नहीं हुई। मैं 2019 से 2021 तक चोटिल रहा लेकिन बाद में चोटों से उबर गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोविड-19 नहीं होता तो चीजें भिन्न हो सकती थी। मुझे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए 5000 अंकों की जरूरत थी जिन्हें हासिल करना मुश्किल नहीं था लेकिन कई प्रतियोगिताएं रद्द कर दी गई थी।’’

श्रीकांत ने कहा, ‘‘ यदि प्रतियोगिताएं नहीं होंगी तो फिर मैं क्या कर सकता हूं। मैंने ओलंपिक में नहीं खेल पाने के बारे में अधिक नहीं सोचा।’’

एक बार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट शुरू होने पर श्रीकांत ने धीरे-धीरे लय हासिल कर दी थी। वह पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने और उन्होंने रजत पदक जीता। इस साल मई में उन्होंने भारत की थॉमस कप की जीत में अहम भूमिका निभाई थी और वह बर्मिंघम में भी इसी प्रदर्शन की पुनरावृति करना चाहते हैं।

श्रीकांत ने कहा, ‘‘ मैं अब अच्छा महसूस कर रहा हूं। थाईलैंड में मेरे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था लेकिन या मामूली खिंचाव था। इसके अलावा मेरे पांव में भी दर्द था जिसके कारण में कुछ प्रतियोगिताओं में नहीं खेल पाया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे टीम स्पर्धाओं में खेलना पसंद है क्योंकि तब टीम के खिलाड़ी भी आपका साथ दे रहे होते हैं। इससे आपको और बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। जब मैं टीम में अपना योगदान देता हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है।’’