हत्या मामलों में फरार घोषित मोस्ट वांटेड बदमाश किशोर उर्फ किस्सू तिवारी को मध्य प्रदेश पुलिस ने यूपी के अयोध्या से गिरफ्तार किया है. कटनी पुलिस अधीक्षक ने बुधवार की सुबह प्रेस वार्ता कर खुलासा किया है. किस्सू तिवारी पर कटनी सहित जबलपुर पुलिस ने 55 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. पुलिस लंबे समय से आरोपी की तलाश कर रही थी लेकिन वह चकमा दे रहा था. एसपी ने बताया, 55 हजार रुपए के इनामी किशोर उर्फ किस्सू तिवारी की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनाई गई थीं और देश के तमाम स्थानों पर दबिश दी गई. मुखबिर की सूचना पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या से किस्सू तिवारी को गिरफ्तार किया गया है. किस्सू अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचा था. किस्सू एक दुर्दांत अपराधी रहा है और इसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. अलग-अलग स्थानों पर आरोपी ने फरारी काटी है फरारी के दौरान किस्सू जयपुर, हरिद्वार, हिमाचल, उत्तराखंड राज्य में कई जगहों पर रहा है. कटनी पुलिस ने 10 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी जिसे आईजी ने बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दिया गया था और जबलपुर पुलिस की तरफ से 25 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की गई थी. कुल मिलाकर इस पर 55 हजार रुपए का इनाम घोषित था. बदमाश किशोर उर्फ किस्सू तिवारी का अपराधिक रिकार्ड दशकों पुराना है. किस्सू ने सबसे पहला अपराध साल 1979 में किया था. आरोपी पहले 1992 में फरार हुआ था जिसे 2015 में गिरफ्तार किया गया. कुछ समय जेल में रहने के बाद यह पुनः फरार हो गया था. इसको लंबे समय फरारी काटने का अनुभव है. साधु महात्मा जैसा अपना ड्रेसअप कर रखा था और बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है
कटनी जबलपुर और इंदौर में किस्सू तिवारी के विरुद्ध मामले दर्ज हैं. कटनी में कोतवाली थाना अंतर्गत हत्या के एक मामले में स्थाई वारंट कोर्ट ने जारी किया है. जबलपुर कोतवाली में भी 302 के मामले में यह वांछित अपराधी है और वारंट जारी है. इसकी सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है हाईकोर्ट ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह के खिलाफ अपराधिक अवमानना की सुनवाई करते हुए क्रिमिनल किस्सू तिवारी को गिरफ्तार करने के लिए 48 घंटों का समय दिया था. हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर 22 मई को सुनवाई निर्धारित की थी. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया था कि कटनी निवासी हार्डकोर क्रिमिनल क्रिमिनल किस्सू तिवारी के खिलाफ कटनी और जबलपुर में हत्या के चार प्रकरण सहित अन्य आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं. जबलपुर जिला न्यायालय ने उसके खिलाफ मार्च अप्रैल 2022 में गैर मियादी वारंट जारी किया था. पुलिस फरार हार्डकोर क्रिमनल को गिरफ्तार नहीं कर पाई. उसकी गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस अधीक्षक की तरफ से पेश किए गए हलफनामा को एकलपीठ ने न्यायालय को गुमराह करने वाला बताते हुए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही करने अनुशंसा की थी.