उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मंगलवार को दो ड्रग कारोबारियों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों आरोपी नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे और महाराष्ट्र में 300 करोड़ के ड्रग्स केस में वॉन्टेड चल रहे थे. आरोपियों पर अपने एक साथी को पुलिस हिरासत से भगाने की साजिश रचने का भी आरोप है. पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के नाम अभिषेक बिलास बालकवाड़े और भूषण अनिल पाटिल है. मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने महाराष्ट्र पुलिस की पुणे क्राइम ब्रांच के साथ संयुक्त ऑपरेशन चलाया और आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करने के बाद गिरफ्तार कर लिया. यूपी एसटीएफ ने बताया कि दोनों को बाराबंकी जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के बहराइच मोड़ से गिरफ्तार किया गया है.
पुणे की क्राइम ब्रांच में सहायक पुलिस आयुक्त सुनील तांबे भी इस ऑपरेशन का हिस्सा रहे. वे अपनी टीम के साथ सबसे पहले लखनऊ पहुंचे और एसटीएफ की टीम से मुलाकात की. यहां यूपी पुलिस को बताया कि महाराष्ट्र में 150 किलोग्राम एमडीएमए जब्ती में मुख्य आरोपी अपने साथी समेत नेपाल भागने की फिराक में है. एसटीएफ के अनुसार, दोनों आरोपी पुणे और नासिक जिलों में कई अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में वांछित थे.
‘ड्रग माफिया को भगाने की साजिश में भी शामिल थे दोनों’
ये दोनों कथित तौर पर महाराष्ट्र के सबसे बड़े ड्रग माफिया ललित पाटिल को 2 अक्टूबर को पुलिस हिरासत से भगाने की साजिश का भी हिस्सा थे. पूछताछ में पता चला कि भूषण अनिल पाटिल, ललित पाटिल का छोटा भाई है. जबकि अभिषेक बिलास, ललित पाटिल के ड्रग्स नेटवर्क का मैनेजर है.
‘प्रतिबंधित ड्रग्स की सप्लाई करते थे आरोपी’
दोनों ने पुलिस को बताया कि वे ललित पाटिल के साथ मिलकर 2014 से प्रतिबंधित ड्रग्स एमडीएमए तैयार करते थे. इसे पब और रेव पार्टियों में सप्लाई किया करते थे. गिरोह ने एक्स्टसी के नाम से मशहूर नशीले पदार्थ के लिए पहले औरंगाबाद और फिर पुणे और नासिक में फैक्ट्री लगाई और नशे का कारोबार करने लगे थे. यूपी पुलिस ने कानूनी कार्यवाही के बाद आरोपियों को पुणे टीम को सौंप दिया है.